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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir 2 नमो शिरःश्रीपा० // 2 // ॐ विष्णवे शिखायै वषट् / शिखाश्रीपा० // 3 // दविवामनपूजनयन्त्रमा ॐ सुरपतये कवचाय हूं / कवचश्रीपा० // 4 // ॐ महाबलाय नेत्रत्रयाय वौषट् / नेत्रश्रीपा० // 5 // स्वाहा अस्वाय फट् / अस्वश्रीपा० // 6 // इति षडंगानि पूजयेत् // ततः पुष्पांजलिमादाय मूलमुच्चार्य ॐ अभीष्टसिद्धिं मे देहि शरणागतवत्सल || जत्या समर्पये तुत्यं प्रथमावरणार्चनम् // 3 // इति पठित्वा पुष्पांजलिं च दत्त्वा पूजितास्तार्पिताः संतु इति वदेत् / इति प्रथमा वरणम् // 1 // ततोष्टदले पूज्यपूजकयोरंतराले प्राची तदनुसारेण अन्या / विगवे. दिशः प्रकल्प्य प्राच्यादिचतुर्दिक्षु ॐ वासुदेवाय नमः / वासुदेवश्रीपा० // 1 // ॐ संकर्षणाय नमः / संकर्षणश्रीपा० // 2 // ॐ प्रद्युम्नाय नमः / प्रद्यम्नश्रीपा० // 3 // ॐ अनिरुद्धाय नमः / अनिरुद्धश्रीपा० // 4 // अग्न्यादिचतुष्कोणेषु ॐ शांत्यै नमः / शांतिश्रीपा० // 5 // ॐ श्रियै नमः। श्रीश्रीपा०॥६॥ ॐ सरस्वत्यै नमः / सरस्वतीश्रीपा० // 7 // ॐ रत्यै नमः। रतिश्रीपा०॥ 8 // इत्यष्टी पूजयित्वा पुष्पांजलिं च दद्यात् // इति द्वितीयावरणम् // 2 // ततोष्टदलायेषु प्राच्यादिषु चतु For Private And Personal Use Only
SR No.020472
Book TitleMantra Maharnav
Original Sutra AuthorN/A
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Publisher
Publication Year
Total Pages682
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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