________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir कवचाय हुँ॥४॥ ॐ भपंफंभवं वक्तव्यादानगमनविसर्गानंदात्मने नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // ॐ शयरंखलंहषंक्षसंलं बुद्धिमनोहंकार चित्तात्मने अस्त्राय फट् // 6 // इति हृदयादिषडंगन्यासं कृत्वा नाभेराश्य पादांतम् ( आँ) इति पाशवीजं विन्यसेत् // 1 // हृदयादारभ्य नायतम् (हीं) इति शक्तिबीजं न्यसेत् // 2 // मस्तकादारभ्य हृदयांतं (को) इति मणिबीजं न्यसेत् // 3 // ॐ यं त्वगात्मने नमः // ॐ रं अमृगात्मने नमः // ॐ लं मांसात्मने नमः // ॐ वं मेदात्मने नमः // ॐ शं अस्थ्यात्मने नमः // Nॐ पं मज्जात्मने नमः // ॐ सं शुक्रात्मने नमः // ॐ ह्रों ओजात्मने नमः // ॐ हैं प्राणात्मने नमः // ॐ स जीवात्मने नमः इति शि हृदि विन्यसेत् // 4 // ॐ यरलवशंघसंहलंसं इति मर्दादिचरणावधि व्यापकं कुर्य्यात् // 5 // ततः मंडूकादिपरतत्त्वांतपीठ देवताभ्यो नमः // 1 // ॐ जयादिपीठशक्तिभ्यो नमः / / 2 // इति नत्वा ॐ आँहींकों पीठाय नमः // इति पीठे प्राणशक्तिं देवीं ध्यायेत् // अथ ध्यानम् // पाशं चापासृक्कपाले मृणीषशूलं हस्तबिंधती रक्तवर्णम् // रक्तोदन्वत्पातरक्तांबुजस्थां देवीं ध्यायेत्याण शनि त्रिनेत्राम् // 1 // इति ध्यात्वा हृदि करं निधाय ॐ आँहींकायरलँवैशषसहक्षहँसाह्रीं ॐ मम शरीरेऽमुकदेवतायाः प्राण इह पाणः // 3 // पुनः ॐआँहीक्रॉयरलँबशपसँहाहसः ह्रीं ॐ मम शरीरेऽमुकदेवतायाः जीव इह स्थितः // 2 // पुनः ॐ आँह्रींक्रॉयरलँव लशसाहसःह्रीं ॐ मम शरीरेऽमुकदेवतायाः सर्वेन्द्रियाणि वाङ्मनस्त्वक्चक्षुःश्रोत्रजिह्वाघाणपादपायूपस्थानि इहैवागत्य मुखं / चिरं तिष्ठतु स्वाहा // 3 // इति वारत्रयेण स्वशरीरे स्वेष्टदेवतायाः प्राण प्रतिष्ठाप्य ततः (ॐ) इति प्रणवेन 15 पंच kelदशावृनिं कृत्वा अनेन मम देहस्य गर्भाधानादिपंचदशसंस्कारान् संपादयामि इति वदेत् इति स्वप्राणप्रतिष्ठाप्रयोगः // एवं For Private And Personal Use Only