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भी। (स.२०१) परमाणुमित्तयं पि हु।-संगसंघाद वि [सङ्गसङ्घात] परमाणुओं का समूह। (पंचा.७९) परमेट्ठि पुं [परमेष्ठिन् परमेष्ठी, जो परमपद में स्थित हैं। अईन्त, सिद्ध आचार्य, उपाध्याय और साधु। (चा.१, भा.१५०, मो.६ प्रव.४ निय.७१-७५) पराइ पुं [परकीय] पर, अन्य। परायत्त वि [परायत्त] पराधीन, दूसरे के अधीन, परतन्त्र।
(पंचा.२५) परावेक्ख वि [परापेक्ष] दूसरे की अपेक्षा रखने वाला। (प्रव.चा.६) परिकम्म पुंन [परिकर्म] क्रिया, गुण विशेष (प्रव.चा.२८) परिकहिद/परिकहिय वि परिकथित प्ररूपित, आख्यात, विशेष
व्याख्यान। (स.९७) जिणवरेहिं परिकहियं । (स.१६१) परिकित्तिद वि [परिकीर्तित] वर्णित। (द्वा.४७) परिगह/परिग्गह पुं [परिग्रह] आसक्ति, ममत्व, मूर्छा, संग्रह।
अप्पाणमप्पणो परिगह। (स.२०७) मझं परिग्गहो जइ। (स.२०८) परिचत्त वि [परित्यक्त] परित्यक्त, छोड़ा हुआ, अलग किया
गया। (निय.१४६, बो.२४) परिचाग पुं [परित्याग] छोड़ना। (निय.९३) परिचिद वि [परिचित] ज्ञात, जाना हुआ, परखा हुआ। (स.४)
सुदपरिचिदाणुभूदा। परिच्चय सक [परि+त्यज्] परित्याग करना, छोड़ना,अलग
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