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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 902 www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कालिदास पर्याय कोश हिम के समान उजले और अनूठे हार से सजे हुए चंदन पुते स्तन देखकर । सचन्दनाम्बुव्यजनोद्भवानिलैः सहारायष्टिस्तनमण्डलार्पणैः । 1/8 चंदन में बसे हुए ठंडे जल से भीगे हुए पंखों की ठंडी बयार झलकर या मोतियों के हारों की लटकती हुई झालरों से सजे अपने गोल-गोल स्तन छाती पर रखकर । कमलवनचिताम्बुः पाटलामोदरम्यः सुखसलिलनिषेकः सेव्य चन्द्रांशुहारः । 1 / 28 कमलों से भरे हुए और खिले हुए पाटल की गंध में बसे हुए जल में स्नान करना बहुत सुहाता है और चंद्रमा की चाँदनी और मोती के हार बहुत सुख देते हैं। स्तनैः सहारैर्वदनैः ससीधुभिः स्त्रियो रतिं संजनयन्तिकामिनाम् । 2 / 18 स्त्रियाँ छाती पर माला डालकर और मदिरा पीकर अपने प्रेमियों के मन में प्रेम उकसा रही हैं। दधति वरकुचाग्ररुन्नतैर्हारयष्टिं प्रतनुसितदुकूलान्यायतैः श्रोणिबिम्बैः 12/26 अपने बड़े-बड़े गोल-गोल उठे हुए सुंदर स्तनों पर मोती की मालाएँ पहनती हैं और गोल-गोल नितंबों पर महीन उजली रेशमी साड़ी पहनती हैं। चञ्चन्मनोज्ञशफरीरसनाकलापाः पर्यन्तसंस्थितसिताण्डजपङ्क्तिहाराः । 3/3 उछलती हुई सुंदर मछलियाँ ही उनकी करधनी हैं, तीर पर बैठी हुई उजली चिड़ियों की पाँतें ही उनकी मालाएँ हैं। हारैः सचन्दनरसैः स्तनमण्डलानि श्रोणितटं सविपुलं रसनाकलापैः 13/20 स्तनों पर मोतियों के हार पहनती हैं और चंदन पोतती हैं अपने भारी-भारी नितंबों पर करधनी बाँधती हैं। मनोहरैश्चन्दनरागगौरैस्तुषारकुन्देन्दुनिभैश्च हारैः 14/2 हिम, कोई और चंद्रमा के समान उजले और कुंकुम के रंग में रंगे हुए मनोहर हार नहीं पहनती हैं। स्तनेषु हाराः सितचन्दनार्द्रा भुजेषु सङ्गं वलयाङ्गदानि 16/7 For Private And Personal Use Only
SR No.020427
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages441
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size15 MB
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