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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 856 कालिदास पर्याय कोश आंनद वे रात में ले चुकी हैं, और अपने लंबे घने केशों को। मनोज्ञ कूर्पासक पीडित स्तनाः सरागकौशेयकभूषितोरवः। 5/8 सुंदर चोलियों से अपने स्तन कसे हुए, जाँघों पर रेशमी कपड़े पहने हुए। नानामनोज्ञकुसुमदुमभूषितान्तान्हृष्टान्यपुष्टनिनदाकुलसानुदेशान्। 6/27 जिन पर्वतों की चोटियों के ओर-छोर पर सुंदर फूलों के पेड़ खड़े हैं, जिन पर भौंरों की गूंज सुनाई दे रही है। मधुसुरभि मुखाब्ज लोचने लोधताने नवकुरबकपूर्णः केशपाशो मनोज्ञः। 6/33 आसव से महकता हुआ कमल के समान मुख, उनकी लोध जैसी लाल-लाल आँखें, नए कुरबक के फूलों से सजे हुए उनके सुंदर जूड़े। 3. मनोहर - [मनः + हर] सुखद, लावण्यमय, आकर्षक, प्रिय, कमनीय, सुंदर। सुवासितं हऱ्यातलं मनोहरं प्रियामुखोच्छ्वासविकम्पितं मधु। 1/3 सुंदर सुगंधित जल से धुला हुआ भवन का तल, प्यारी के मुँह की भाव से उफनाती हुई मदिरा। प्रयान्ति मन्दं बहुधारवर्षिणो बलाहकाः श्रोत्रमनोहरस्वनाः। 2/3 धआँधार पानी बरसाने वाले और कानों को भली लगने वाली गड़गड़ाहट करते हुए बादल धीरे-धीरे घिरते चले जा रहे हैं। शेफालिकाकुसुमगन्ध मनोहराणि स्वस्थस्थिताण्डजकुलप्रतिनादितानि। 3/14 शेफालिका के फूलों की मनभावनी सुगंध फैली हुई है, जिनमें निश्चित बैठी हुई चिड़ियों की चहचहाहट चारों ओर गूंज रही है। बन्धूककान्तिमधरेषु मनोहरेषु क्वापि प्रयाति सुभगा शरदागमश्रीः। 3/27 शरद की सुंदर शोभा, कहीं बंधूक की लाली को छोड़कर उनके सुंदर निचले ओठों में जा चढ़ी है। मनोहरैश्चन्दनरागगौरैस्तुषारकुन्देन्दुनिभैश्च हारैः। 4/2 हिम, कोंई, और चंद्रमा के समान उजले और कुंकुम के रंग में रंगे हुए मनोहर हार नहीं पहनती हैं। For Private And Personal Use Only
SR No.020427
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages441
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size15 MB
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