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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org ऋतुसंहार कहीं गर्भिणी स्त्री के स्तनों के समान पीले बादल आकाश में इधर-उधर छाए हुए हैं। नद्यो घना मत्तगजा वनान्ताः प्रियाविहीनाः शिखिनः प्लवङ्गाः । 2/19 नदियाँ, बादल, मस्त हाथी, जंगल, अपने प्यारों से बिछुड़ी हुई स्त्रियाँ, मोर और बंदर | 6. जलमुच - [ जल + अक् + मुच्] बादल । श्रुत्वा ध्वनिं जलमुचांत्वरितं प्रदोषे Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 5. जलद - [ जल + अक् + दः] बादल । नष्टं धनुर्बलभिदो जलदोदरेषु सौदामिनी स्फुरति नाद्य वियत्पताका । 3/21 आजकल न तो बादलों में इन्द्रधनुष रह गए हैं, न ही बिजली चमककर झंडा फहराती है। शरदि कुमुदसङ्गावायवो वान्ति शीता विगतजलदवृन्दा दिग्विभागा मनोज्ञाः । 3/22 कमलों को छूता हुआ शीतल पवन बह रहा है, बादलों के उड़ जाने से चारों ओर सब सुहावना दिखाई दे रहा है। 771 शय्यागृहं गुरुगृहात्प्रविशन्ति नार्य: 12/22 वे स्त्रियाँ बादलों की गड़गड़ाहट सुनकर झट अपने घर के बड़े-बूढ़ों के पास से उठकर साँझ को ही अपने शयन घर में घुस जाती हैं। - 7. तोयद - [ तु + विच्, तवे पूर्त्यै याति या + क नि० साधुः + दः] बादल। अपहृतमिव चेतस्तोयदैः सेन्द्रचापैः पथिकजनवधूनां तद्वियोगाकुलानाम् । 2 / 23 जिन बादलों में इंद्रधनुष निकल आया है, उन्होंने परदेश में गए हुए लोगों की उन स्त्रियों की सब सुध-बुध हर ली है, जो उनके बिछोह में व्याकुल हुई बैठी हैं । For Private And Personal Use Only जलभरनमितानामाश्रयोऽस्माकमुच्चै रयमिति जलसेकैस्तोयदास्तोय नम्राः । 2 / 28 ये पानी के बोझ से झुके हुए बादल यह सोचकर कि जब हम पानी के बोझ से लदकर आते हैं तो यही हमें सहारा देता है, अपने ठंडे जल की फुहार से ।
SR No.020427
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages441
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size15 MB
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