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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मेघदूतम् 703 दुहिता 1. कन्या - [कन् + यक् + यप्] पुत्री। संक्रीडन्ते मणिभिरमरप्रर्थिता यत्र कन्याः। उ० मे0 6 जहाँ की कन्याएँ (अपनी मुट्ठियों में) रत्न लेकर खेल खेला करती हैं। 2. तनया - [तन् + कयन् + यप्] पुत्री। व्यालम्बेथाः सुरभितनयालम्भजां मानयिष्यन्। पू० मे० 49 तब तुम कुछ दूर जाकर सुरभि पुत्री ----की पुत्री चर्मण्वती नदी का आदर करने के लिए। 3. दुहिता - [दुह् + तृच्] बेटी, पुत्री। प्रद्योतस्य प्रियदुहितरं वत्सराजोऽत्रजहे। पू० मे0 35 वत्स देश के राजा उदयन ने महाराज प्रद्योत की प्यारी कन्या वासवदत्ता को हरा था। धनपति 1. धनपति - [धन् + अच् + पतिः] कुबेर का विशेषण, कुबेर। संतप्तानां त्वमसि शरणं तत्पयोद प्रियायाः सन्देशं मे हर धनपति क्रोध विश्लेषितस्य। पू० मे07 अकेले तुम्हीं तो संसार के तपे हुए प्रणियों को ठंडक देने वाले हो, इसलिये हे मेघ! कुबेर के क्रोध से निकाले हुए अपनी प्यारी से दूर पटके हुए मुझ बिछोही का संदेशा भी। अक्षय्यान्तर्भवननिधयः प्रत्यहं रक्तकण्ठैः उद्गायद्भिर्धनपतियशः किंनरैर्यत्र सार्धम्। पू० मे० 10 अथाह संपत्ति वाले कामी लोग ऊँचे स्वरों में मीठे गलों से कुबेर का यश गान करने वाले किन्नरों के साथ बैठे हुए। मत्वा देवं धनपतिसखं यत्र साक्षाद्वसन्तं। उ० मे० 14 वहीं कुबेर के मित्र शिवजी भी रहा करते हैं, इसलिये वसन्त ऋतु में भी। For Private And Personal Use Only
SR No.020427
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages441
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size15 MB
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