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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 34 कालिदास पर्याय कोश एक घुड़सवार ने अपने शत्रु घुड़सवार पर पहले चोट की, चोट खाते ही वह घोड़े के कंधे पर झुक गया और इसमें इतनी भी शक्ति न रही कि सिर तक उठा सके। गगनमश्व खुरोद्धतरेणुभिर्नुसविता स वितान मिवाकरोत्। 9/50 उनके घोड़ों की टापों से इतनी धूल उठी कि आकाश में चंदोवा सा तन गया। चमरान्तपरितः प्रवर्तिताश्वः क्वचिता कर्ण विकृष्ट भल्लवर्षी। 9/66 चामर मृगों के चारों ओर अपना घोड़ा दौड़ाते हुए भाले की नोक वाले बाण बरसाकर उन मृगों की चँवर वाली पूँछे काट डाली। तमध्वराय मुक्ताश्वं रक्षः कपिनरेश्वरः। 15/58 कुछ दिन पीछे राम ने अश्वमेघ यज्ञ के लिए घोड़ा छोड़ा तो सुग्रीव-विभीषण ने। तस्यावसाने हरिदश्व धामा पित्र्यं प्रपेदे पदमश्विररूपः। 18/28 उनके पीछे उनके अश्विनी कुमार के समान सुंदर और सूर्य के समान तेजस्वी पुत्र राजा हुए, जिन्होंने अपने घोड़ों को समुद्र के तट पर ठहराया। 2. तुरंग :-[तुर+गम्+खच् मुम् व ङिच्च्] घोड़ा। नियुज्य तं होमतुरंग रक्षणे धनुर्धरं राजसुतैरनुद्रुतम्। 3/38 यज्ञ के घोड़े की रक्षा का भार रघु और अन्य धनुर्धर राजकुमारों को सौंपकर। ततः परं तेन मखाय यज्वना तुरंग मुत्सृष्टत्सृमनर्गलं पुनः। 3/39 तब दिलीप ने सौवां यज्ञ करने के लिए घोड़ा छोड़ा, इंद्र को यह बात खटकी। पत्तिः पदातिं रथिनं रथेशस्तुरंग सादी तुरगाधिरूढम्। 7/37 पैदल-पैदलों से, रथवाले रथवालों से और घुड़सवार-घुड़सवारों से जूझ पड़े। तुरंगस्कंधनिषण्ण देहं प्रत्यश्वसंतं रिपुमाचकांक्ष। 7/47 चोट खाते ही वह घोड़े के कंधे पर झुक गया, उसने यह देखकर फिर उस पर हाथ नहीं उठाया, उल्टे मनाने लगा कि वह फिर से जी उठे। स्थिरतुरंगमभूमि निपानवन्मृगयोगवयोपचितं वनम्। 9/53 वहाँ की पृथ्वी घोड़ों के लिए पक्की थी, वहाँ बहुत से ताल थे, जिनके चारों ओर बहुत से हरिण, पक्षी और बनैली गाएँ घूमा करती थीं। श्रमफेन मुचा तपस्विगाढां तमसां प्राप नदीं तुरंगमेण। 9/72 थकावट के कारण उनका घोड़ा मुँह से झाग फेंकने लगा, उसी पर चढ़े हुए वे तमसा नदीके उस तट पर निकल गए, जहाँ बहुत से तपस्वियों के आश्रम बने हुए थे। For Private And Personal Use Only
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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