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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 346 कालिदास पर्याय कोश अपने पुत्रों व मुनि के साथ राम के सामने उपस्थित सीता जी ऐसी लगती थीं, मानो गायत्री सूर्य के पास जा रही हो। रामः सीतागतं स्नेहं निदधे तदपत्ययोः। 15/86 अब राम अपने पुत्रों से उतना ही प्रेम करने लगे, जितना सीताजी से करते थे। अभिषिच्याभिषेका) रामान्तिकमगात्पुनः। 15/89 राजधानियों का राजा बना दिया और स्वयं राम के पास लौट आए। यत्कुम्भयोनेरधिगम्य रामः कुशाय राज्येन समं दिदेश। 16/72 राम को अगस्त्य ऋषि ने जो जैत्र आभूषण दिया था, उसे राम ने राज्य के साथ ही कुश को दे दिया था। 16. लक्ष्मणपूर्वजन्मा :-[लक्ष्मन् + अण्, न वृद्धिः + पूर्वजन्मा] राम। स लक्ष्मणं लक्ष्मणपूर्वजन्मा विलोक्य लोकत्रयगीतकीर्तिः। 14/44 तीनों लोकों में प्रसिद्ध यशस्वी, अपनी बात के पक्के राम ने जब देखा कि लक्ष्मण उनकी आज्ञा मानने को तत्पर हैं, तब। 17. लक्ष्मणाग्रज :-[लक्ष्मन् + अण, न वृद्धिः + अग्रजः] राम। उन्मुखः सपदि लक्ष्मणाग्रजो बाणमाश्रयमुखात्समुद्धरन्। 11/26 उसी समय राम ने अपने तूणीर से बाण निकाले और ऊपर मुँह करके आकाश की ओर देखा। उचिवानिति वचः स लक्ष्मणं लक्ष्मणाग्रजमृषिस्तिरोदधे। 11/91 राम और लक्ष्मण से यह कहकर वह (परशुराम) अन्तर्धान हो गए। रेवा 1. नर्मदा :-[न + मनिन् + दा] नर्मदा, रेवा, विंध्यपर्वत से निकलने वाली नदी जो खंबात की खाड़ी में गिरती है। स नर्मदा रोधसि सीकरार्दैर्मरुद्भिरानर्तितनक्त माले। 5/42 वहाँ से चलकर राजा अज से नर्मदा नदी के किनारे, जहाँ शीतल वायु बह रही थी और उसके झोंकों में करंजक के पेड़ झूम रहे थे, पड़ाव डाला। 2. रेवा :-[रेव + अच् + टाप] नर्मदा नदी का नाम। प्रासाद जालैर्जलवेणिरम्यां रेवां यदि प्रेक्षितुमस्ति कामः। 6/43 For Private And Personal Use Only
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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