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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra रघुवंश www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अवन्तिनाथोऽयमुदग्रबाहुर्विशालवृक्षास्तनुवृत्त मध्यः । 6/32 ये जो लम्बी भुजा, चौड़ी और पतली गोल कमर वाले हैं, अवन्ति देश के राजा हैं। संग्रामनिर्विष्ट सहस्रबाहुरष्टादशद्वीप निखातयूपः । 6/38 उनमें बड़ी भारी बात यह थी कि जब वे लड़ने जाते थे, तब उनके सहस्रों हाथ निकल आते थे, उन्होंने अठारह द्वीपों में जाकर यज्ञ के खंभे गाड़ दिए थे । वामेतरः संशयमस्य बाहु: केयूरबंधोच्छ्व सितैर्नुनोद । 6 / 68 पर उसी समय भुजबंध के पास उनकी दाईं भुजा फड़क उठी, जिससे उनकी शंका दूर हो गई। 231 अमँसत कंठार्पित बाहुपाशां विदर्भराजा वरजां वरेण्यः । 6/84 तब उसे देखकर अज ने यही समझा मानो इन्दुमती ने मेरे गले में अपनी भुजाएँ ही डाल दी हों। स चापकोटीनिहितैकबाहुः शिरस्त्रनिष्कर्षण भिन्नमौलिः । 7/66 अज ने अपने सिर का कूँड़ उतारा और धनुष के एक छोर पर बाँह टेककर । बाहुभिर्विटपाकारैर्दिव्याभरण भूषितैः । 10/11 आभूषणों से सजी हुई उनकी बड़ी-बड़ी भुजाएँ वृक्ष की शाखाओं के समान थीं। तं दधन्मैथिली कंठ निर्व्यापारेण बाहुना। 15/56 राम ने वे आभूषण लेकर अपनी उन भुजाओं में बाँध लिए जो सीताजी के वन चले जाने से उनके कंठ में पड़ने से वंचित हो गए थे। दिव्येन शून्यं वलयेन बाहुमपोढनेपथ्यविधिर्ददर्श । 16 / 73 उन्होंने देखा कि भुजा पर वह दिव्य आभूषण नहीं है। मुक्तरज्जु निविडं भयच्छलात्कंठबंधनमवाप बाहुभिः । 19/44 उन स्त्रियों ने भय का बहाना करके रस्सी छोड़ दी और राजा के गले में बाँह डालकर उससे लिपट गईं। 3. भुज् :- [भुज्+क] भुजा । व्यूढोरस्को वृषस्कन्धः शालप्रांशुर्महाभुजः । 1/13 For Private And Personal Use Only उनकी चौड़ी छाती, साँड़ के से ऊँचे और भारी कंधे, शाल के वृक्ष जैसी लम्बी भुजाएँ और अपार तेज को देखकर ।
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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