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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५६ निम्नभ अकारादिशब्दानुक्रमणिका ४३१ अकारादिशब्दाः पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः पृष्ठाङ्काः निभज्जन (स्नानम्), निरत १५८ निमित्त २५६ | निरन्तर निमित्तविद् २५६ | निरवयव=(अवयवरहितः), निमित्तशास्त्र २५६ निरवयवदिनगण निमिष निरवशिष्ट निमीलन १२४ निरवशेष निमेष ११, ११, ६७ निरवशेषित निम्न=('नीचा' 'गहरा' इति च भाषा) ५६ / निरीक्षण निम्नगा २४३ | निरीक्षणीय=(निरीक्षितव्यः), निम्नगृह 'निरीक्षते" १८८ ५६ निरीक्षन्ते १८८ निम्नभवन | निरीक्षित १४५ निम्नराशि निरीक्षितव्य (निरीक्षणीयः), निम्नर्भ ५६ / निरीक्षेत १८८ निम्लोचत्=(अस्तङ्गच्छत्), निरीक्षेते १८८ निम्लोचन (अस्तङ्गमनम्), निरीक्षेयाताम् १८८ नियत १४१, १७७ | निरीक्षेरन् १८८ नियति १२४ निरीक्ष्य नियन्तृ ३६ | निरीक्ष्यमाण १४५ नियुत=(लक्षम्), निरुक्त २११, २१२, २४९ नियोजन (स्थापनम्), निरुक्ति २१२, २१३ नियोजनीय (नियोजितव्यः), | 'निरूचाते' १८४ नियोजित=(नियुक्तः), निरूचिरे १८४ नियोज्य ९२ | निरूचे १८४ निर=(निर्णयो निषेधो बहिर्भावो वा), निरूपण निरंश (राशे:प्रथमभाग:), निरूपणीय २५० निरंशक (राशेःप्रथमभाग:), निरूपित २५० निरंशसूर्य=(राशेः प्रथमभागगोऽर्क:), निरूपितव्य २५० निरक्षदेश १०० | निरूप्य २५० निरक्षोदय १०८ निरूप्यमाण निरञ्जना २, २३१ | निर्ऋति ४, ४५ १४५ २५० २५० For Private and Personal Use Only
SR No.020421
Book TitleJyotirvignan Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurkant Jha
PublisherChaukhambha Krishnadas Academy
Publication Year2009
Total Pages628
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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