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________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org जैन आगम-अंग बाह्य आवश्यक सूत्र : [ 67 678 8A ____10 श्रावक आवश्यक प्रा.मा. 25x12x5x38 | 1842 प्रा. 26 x 11x12x38 19वीं 25 x 11x5x32 19वीं 19वीं 19वीं पौष सूत्र सह 26 x 12 x 10 x 30 | अपूर्ण 6 गाथा तक 25 x 11 x 5 x 33 | संपूर्ण ग्रंथाग्र 995 ,,+भक्ति प्रा.सं.मा 8 26 x 12 x 14 x 34 प्रतिपूर्ण प्रा. | 23,3, 25,26 x 10,11 पूर्ण अपूर्ण 4,33,4 1895 विक्रमपुर स्मरण सह दौलतसिंह 19/20वीं | प्रा.मा. | 4 26x11x13x40 अपूर्ण गा.24 से 50 (अंत) 1619 तक । 8x11x15x54 संपूर्णगाथा25253130/ 1524 पन्न 15 से 19 (अंत) तक आवश्यक+व्याख्या प्रा 65 साहित्य 26x11x11x40 , ग्रं.3375 16वीं 26 x 11x17x60 1628 ,, | 19वीं पावश्यक क्रिया संबंधी प्रावश्यक व्याख्या प्रा.सं. | 569 26 x 11x13x49 | लगभग पूरी (अंतिम पन्ना 17वीं कम) 26x 11x13x44 अपूर्ण (पन्न 32 से अत | 17वीं 78 तक) 26x11x11x42 केबल पीठिका व्याख्यान का 1514 गाथा 81 तक का संपूर्ण 22x11x15x36 गाथा 78 तक का संपूर्ण 25x10x 13 x 50 संपूर्ण 169 गाथायें 16वीं 26 x 12 x 17x43 अपूर्ण 3622 गाथा--714/19वी विक्रमपुर | पहिले 36 पन्ने कम नारायण 26 x 11x16 x 64 त्रुटक | 15वीं जीर्ण (पन्नों की संख्या लगभग 26 x 12 x 13 x 40 संपूर्ण ग्रं. 22000 1951वृति शिष्य हिता नाम्नी 25x11x15x43 अपूर्ण (लोगस्स से अंत तक 1672 जहांगीर | पन्ने 250 से 359 अंत | 25 x 11 x 11 x 35,, (करेमिभते तक) | 1870 प्रा.सं 26x11x13x32 19वीं 28X 13x15x26 | 19वीं For Private and Personal Use Only
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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