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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 31 129 सूत्र 11 " 43 For Private and Personal Use Only - शुद्धि पत्रक - पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ अशुद्ध शुद्ध | पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ अशुद्ध प्राक्कथन पंक्ति 18 किवे किये | 33 31 पांचवी समाचारी तक है , 23 पटक त्रुटक कठिन पद भंजि कठिन पद-मञ्जिका 27/4 274 35 10 नेयमूर्ति नेममूर्ति 132 8A 17 13/13 1 अ 13 11 सूरि 66/13 166/13 अस्थ व्यस्थ अस्त व्यस्त महा/95 महा० 1 अ 5 38 78 52/54 52/4 (अंत में जोड़े) श्याम कायस्थ 39 80 जन्महोत्सव जन्म महोत्सव प्रणहिलपुर नागरदास 40 112 विषौबधिनाम्नी विषौषधिनाम्नी अमय अमयदेव 122 2/26 2/216 205 255 सपूण....'कथा संपूर्ण.."कथा सह 62 904 404 45 154 जिनचन्द्रका जिनभद्र का 75 जवाली जमाली 13 माहित्ण साहित्य 105 वि विश्लेषण 49 40 7470 7970 121 142 1922 1846 1896 120 10 51 50 10 नाग नागौर 135 11ली, पाली 69 संपूर्ण सञ्झाय संपूर्ण 12 सञ्झाय 16 156 10/5 1015 98 पाईय 159 -(अंत में जोड़े) अमयदेव 100 100 110 186 9/94 944 57 119 1137 1657 11 "प्रथम 3 पन्ने कम'' (यह टिप्पणी नीचे 58 129 1324 अनु. 7 के लिये है। मंपूर्ण 23 14 11 अपूर्ण सुर्यादेव सूर्याभदेव 4 1664 1646 25 309 60 23-4 2 पा 24 3 424 25 46 6 विभ विभक्तियां 61 1787 71 30 14,17,27 5 अन्तर्वाच्य अन्तर्वाच्य सह 63 608 107 100 से 55,66,71 64 88 2 1 अ 17 3 4 17 www.kobatirth.org 15 12 स पाई 54 56 1342 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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