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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra छन्द व काव्य साहित्य : अलंकार - शास्त्र अलंकार - शास्त्र " अलंकार - शास्त्र काव्यालंकार - शास्त्र "1 11 अलंकार व काव्य शास्त्र अजीर्ण रोग के बारे में विपविकार चिकित्सा श्रायुर्वेद वैद्यक :-- $1 31 वैद्यकशास्त्र 11 31 11 रा. सं. घोड़ों की चिकित्सा सं. व अन्य ज्ञान 11 " " रा. 7 सं.मा. "" : रा. सं. आहार द्रव्यगुण पथ्य पर वैद्यकविज्ञान चिकित्सा दवाइयां मा. 10,8 59 74 9 8 14 11 8 16 23 14* 12,6 10 3,6 3 5 71 117 38 77 23 276 ! www.kobatirth.org 8A 31 × 12 × 1 2 × 45 24 × 1 2 × 1 4 × 42 26 × 12 × 1 5 × 47 28x13 × 11 × 54 26 × 1 1 × 11 × 33 संपूर्ण 5 परिच्छेद 266 श्लोक 26 × 11 x 11 x 54 26 × 1 1 × 13 × 41 27 × 12 × 1 1 × 33 22 × 15 × 24 × 17 25 × 12 × 11 × 40 29 × 13 व 27 × 13 2 5 × 1 1 × 15 × 37 27 × 11 × 10 × 32 26 x 12 x 17 x 55 23 x 11 × 9 x 34 25 × 11 × 11 × 41 27 × 12 × 13 × 45 28 x 12 x 12 x 46 संपूर्ण 60 छंद संपूर्ण अपूर्ण प्रमाणालंकार "1 "" 27 x 10 व 29 x 10 26 × 1 2 × 12 × 40 अपूर्ण 24 x 12 x 14 x 33 " पूर्ण (पत्र 7 से 17 ) संपूर्ण 5 परिच्छेद अपूर्ण 44 से 133 छंद 11 अपूर्ण 38 श्लोक संपूर्ण 5 उद्देशक श्लोक 350 33 9 " 51 4 मयूख प्रकरण तक " (केवल कुमाराक्ष चिकित्सा 13 से 18 व 23 त्रुटक अपूर्ण 411 अध्याय 17,12| 25 × 15 व 22 x 11 प्रतिपूर्ण | संपूर्ण 600 ग्रंथा लगभग पूर्ण (प्रथम दो पन्न कम For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 |1881 फलोदी इंद्र भानु (हीर विजय ) 1854, सूर्यपुर विनयचंद 19वीं 18वीं 16वीं x चंद्रसूरि 1678 1877 1944 19वीं से 38 प्र. 2 से 6 स्थान तक 1734 18वीं 1899 1848/19at 20वीं 19af 17 at 19at 1886 / 1916 द्वितीय प्रति में 1751 1864 1677 457 17/18वीं 11 मूल की टीका है बार्थ नहीं हैं
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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