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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य ग्रादि साहित्यिक ग्रंथ : [ 413 __ 6 7 | 8 | 8A ___10 11 शृगारिकसाहित्यिक हि. 19x15x14x27 दोहे 70 से 710 तक 1767 23x16x18x15 संपूर्ण 710 दोहे 1793 प्रत में कवि पालम के 8 कवित्त रथम व अंतिम पन्ना 25 x 11 x 14 x 40 | लगभग पूर्ण 16 से 702 18वीं तक नहीं 20x15x18x21 संपूर्ण 699 दोहे 1869 21 x 13 x 20 x 14 अटक 3-4 प्रतियों के पन्ने 19वीं टीका अमर चंद्रिका नाम्नी अकारादिकम से सूची भी है संपूर्ण के ग्रंथाग्र 4505 थे 15 x 15 x 18 x 26 | अपूर्ण 349 से 709 अत तक 25 x 11 x 15 x 45 | बिल्कुल अपूर्ण 28 x 13 x 19 x 55 | संपूर्ण 25 x 12 x 20x56 , 62 दोहे आलोचनात्मक अध्ययन साहित्यिक-कृति वृत्तान्त 17x14x14x23 | ,, ऐतिहासिक-काव्य 21X14x23x20 अपूर्ण 1870 वृद्ध विवाह पर व्यंग , 21 x 11 x 21 x 48 | संपूर्ण 19वीं वृद्धावस्था दुःख 26 x 12x16x50 1836 गमकथा-साहित्यिक सं. 27x13x19x35 | अपूर्ण प्रकीर्ण काण्डे 19वीं तृतीय सर्ग 33x14x13x50 , साहित्यिक कृति 26x12x13x42 | संपूर्ण 4 विलास श्लो.283|1823बिक्रमपूर वखतसुंद 27x13x10x39 19वीं 15x15x9x 18 | प्रतिपूर्ण 7 पद 1823 सात भाषा, सात | भिन्न 2 | 3 कवित्त भाषा उपयोगितादि सिरोही, गुजराती, मेवाड़ी, पंजाबी,थली ढुढाडी, मारवाड़ी 30x16x15x38 | संपूर्ण 19वीं 30x16x18x82 प्रतिपूर्ण वैष्णव शास्त्रों व ग्राम्नायानुसार लोककथा-तात्त्विक जंबूद्वीप राजा आदि जानकारी 15x11x14x14 | संपूर्ण 26x11x11x48 साहित्यिक कृति | मा. 19 x 13 x 13 x 23 | अपूर्ण 75 गा. 1884 , वार्ता | हिं. 25x10x14x49 प्रतिपूर्ण 20वीं For Private and Personal Use Only
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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