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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ 21 साहित्यिक वीर कथा डि. व भक्ति fa. राजनीति साहित्य डि. नीति विषयक श्लोक सं. हि. साहित्य धार्मिक डि. " 11 श्रृंगार व नीतिकाव्य हि प्रसिद्ध शतक त्रय सं. " 11 11 31 יו 33 "1 6 33 राजा गुरु आदि को लिखने के नमूने उपमादि 12 रा. 11 7 " "3 31 " नैतिक साहित्यिक मा. साहित्यिक "" 17 3 8 50 4 4 16 × 12 x 9 x 13 23 x 12 x 10 x 28 26 x 12 x 16 x 45 17 x 14 x 11 x 18 31 × 16 × 13 × 34 26 × 10 × 16 × 55 27 × 1 1 × 13 × 43 26x12 x 4 x 37 26 × 11 × 13 × 29 17,20 28 x 13 x 7 x 32 गु.. 30 16 18 77 51 9 5 101 102 81 195 3 1 1 गु. 30 8 A गु. www.kobatirth.org 17 × 11 × 20 × 19 संपूर्ण 21 x 11 x 17 x 42 11 11 9 40 कुंडलिया 122 छंद 11 9 काठ 116 पद 73 छंद 105,102 109 श्लोक नीति संपूर्ण श्रृंगार 40 31 तक संपूर्ण 109/108 लोक 26 × 11 × 10 × 28 अपूर्ण 22 से 95 श्लोक 25 x 11 x 15 x 51 17 श्लोक 11 " 26 × 11 × 10 × 30 संपूर्ण 22 सर्ग, श्लोक 5250 25 x 11 x 15 x 52 लगभग पूर्ण 22 / 140 प्रतिपू संपूर्ण 107, 101, 1251641 श्लोक तक 26 × 11 × 15 × 52 अपूर्ण बीच के 5 से 85 पन्न 25 x 11 x 13 × 48 6 सर्ग तक 31 × 15 × 1 4 × 52 पंपूर्ण 35 प्रकार के पत्रों के 26 × 13 × 12 × 44 प्रतिपूर्ण लम्बारोल 15 से. चौड़ा 19 × 13 × 13 × 23 संपूर्ण 101 गा. 13 x 10 x 11 x 20 अपूर्ण शताधिक 15 x 9 x 7 x 14 16 पहेलियां For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1892 19वीं 1903 10 19वीं 1828 19वीं 1708 पाटण सोमगरिए 19वीं 27 "1 71 20वीं 1643 17वीं 18वीं 19वीं 11 1884 1783 19वीं [ 409 11 देखें 'वैराग्यशतक भी) " सार्थ टीका सुबोधिनी नाम्नी
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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