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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य 6 भक्ति स्तोत्र " · व्याख्या 13 प्रा.मा. श्रादि प्रा.मा स सं. "3 7 भक्ति क्रिया सह मा. भक्ति श्रद्धा (दर्शन) सरस्वती जैन भक्ति सं. सरस्वती भक्ति 11 " 7 वृत्तियों की विगत ) (2) जिनप्रभाचार्य संस्कृत गद्य ग्रंथाग्र 740 बोधिदीपिकानाम्नी (2) पार्श्वदेवगण संस्कृत गद्य (2) हर्ष कीति ( चन्द्रकीर्ति का शिष्य) संस्कृत गद्य सं.मा. सं. 96 8 31 5 8 25 8 A 25 × 11 × 11 x 25 25 x 11 x 11 × 34 26 x 11 x 15 x 54 40 www.kobatirth.org 6'4 2 2,22, 20 से 27 x 11 से 13 1,1 26 x 12 x 12 x 40 2,6* 23 से 24 x 10 से 11 18* अपूर्ण 25 × 11 × 15 × 3 8 संपूर्ण 5 स्तवन 49 गा. 16 × 13 × 13 × 20 44 श्लोक 9 स्तोत्र कुल (80 श्लोक ) 10 x 6 x 7 x 16 1, 2, 1, 2 भिन्न-भिन्न 1 (गुटका 31 संपूर्ण 11 39 "" 17 9 11 4 स्तोत्र (संस्कृत में 3) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 For Private and Personal Use Only 20वीं 20वीं ( 3 ) कर्मसागर संस्कृत गद्य 1637 18वीं संपूर्ण 11 स्तोत्र (150 18वीं श्लोक) 25 × 11 व 26 × 13 संपूर्ण 9 स्तोत्र (70श्लो. ) 18 / 19वीं 1651 20वीं 19/20वीं "" 16 स्तोत्र ( 195 | 16 / 19वीं श्लोक ) [267 11 (सामान्य संकलन )
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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