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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 243 6 8 11 6 7 तीर्थक र भक्ति+ | सं. शासनदेवी भक्ति अतिम छंद मा. में 8A 8A ___ 10 26 x 11 x 14 x 64 | संपूर्ण 3 स्तोत्र (16,9, 18वीं हर्ष- 9)| सागर | 10x6x7x16 प्रथम संपूर्ण (12) द्वितीय 18वीं ___अपूर्ण (15) 27x12x8x28 | संपूर्ण 20वीं 10x6 x 7x16 , 9 श्लोक 18वीं तीर्थंकर तीर्थ भक्ति , 26x13x12x25 , 3 स्तोत्र 19वीं 18वीं 10 - 6 x 7x16 अपूर्ण 28 x 12 x 8/11 x 35 संपूर्ण मंत्र, विधिसह 2, 1 20वीं दादागुरु पूजा मंत्र विधि साथ में संपूर्ण 24 श्लोक 1806 10 x 6 x 7x16 , 3 स्तोत्र 11-11 | 18 वीं श्लोक के 25 x 11x17x50 संपूर्ण 2 स्तोत्र । मंगला- 1810/10 x प्रशक्ति है । ष्टक | रूपचंद 29x 12x14x30 1880 25x12x7x35 ., 11 श्लोक 19वीं 25x10x9x37 , 32 श्लोक 27x10x21x72 , 6 स्तोत्र 22x13x9x24 , 2,, (11+25/20वीं श्लोक) 24 x 12 x 14 x 35| संपूर्ण 2 स्तोत्र 27--11 , श्लोक | संपूर्ण 45 श्लोक 16वीं 22 x 10x15x52। , 3 श्लोक 1886 25x12x20x56 , 24 श्लोक 18वी 22x11x12x34 , 14 श्लोक 19वीं तीर्थ भक्ति 25x11x14x44 29x13 x 11x45 , 4 स्तोत्र | 10x6x7x16 3 स्तोत्र (211 | 18वीं __12+9 श्लोक 25 x 11 x 12 x 31_| संपूर्ण 21 श्लोक 19वीं ,2 For Private and Personal Use Only
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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