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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 229 11 ____ 6 7 | ४ | 8A 9 10 तीर्थकर पूजा भक्ति सं.मा. | 1 26 x 12 x 15 x 52 | संपूर्ण 8 दिनों की 19वीं मा. 4 26x12x16x29 | अपूर्ण 23 गाथा 19वीं गुरु भक्ति मंत्र सं. 2 25x12x20x56 | संपूर्ण 11+12 श्लोक | 18वीं पार्श्व जिन भक्ति 26x11x12x57 , 30 गा. 30 गा 16वीं पहिला पन्ना कम अंत में ऋषि मंडल का मामूल मंत्र प्रा.सं मा 4 26x11x5x59 17वीं 26 x 11x17x63 | , 30 गा. की ग्रं | 19वीं 300 25x10x14x51 | , 30 गा.+16 श्लोक 18वीं स्तुति के संस्कृत में 3,4,2,3, 24 से 28 x 11 से 15 | प्रथम चार पूर्ण अंतिम | 19वीं अपूर्ण , , 4 25 x 11 x 9 x 36 | संपूर्ण 30 गा 19वीं प्रा.सं. 4 26x10x21-65 | 19वीं 27x13x13x47 1942 पालनपूर नरेन्द्रसागर 20वीं 21 x 12 व 26 x 14 25x11x16x32 40 गा. 1876 उदयपुर तीर्थंकर भक्ति 25x11x15x47 186 गा. 1847 थोभ, | 1769 की कृति मारगक उदय 1851 21x15x19x50 27x11x21x50 191 गा. 19वीं 17x13x11x13 " 193 गा. 1930 दादा गुरु भक्ति । अ.मा. 23x 11x13x34 .. 2 पद 9-1919 गाथा+4 सवैया भगवानचंद 17x12x13x16 | संपूर्ण 24 श्लोक 19वीं तीर्थकर भक्ति सं. भक्ति विधान अर्चना मा. 21x13x14x25 19वीं भक्ति स्मरण पद | सं. 31x11x16x44 1805 26x12x11x36 , 41 श्लोक 19वीं 31x13x20x62 19वीं तीर्थंकर भक्ति 17x8x8 x 22 , 9 श्लोक | 1733 For Private and Personal Use Only
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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