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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org आभार प्रदर्शन (1 ) i. मुनि श्री जयानन्दजी महाराज साहिब को वन्दना करते हैं जिनकी प्राज्ञा से खरतरगच्छ समुदाय जोधपुर के अध्यक्ष महोदय ने श्री महावीर स्वामी मन्दिर के यशोसूरि व केशरगरिण भण्डारों के ग्रन्थ यहाँ रावटी में स्थानान्तरित कर दिये हैं । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ii श्रीमान् मिलापचन्दजी साहिब ढढ्ढा धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने श्री भोसियां तीर्थ के रत्नप्रभ ज्ञान भंडार के सूचीकरण हेतु सम्पूर्ण सुविधायें उपलब्ध की थी । iii. श्रीमान् सम्पतराजजी साहिब भंसाली धन्यवाद के पात्र हैं जिनकी प्रेरणा से मुनिसुव्रत स्वामी मन्दिर भण्डार के ग्रन्थ यहाँ रावटी में स्थानान्तरित कर दिये गये हैं । iv. श्रीमान् स्व. भोपालचन्दजी साहिब दफ्तरी की श्रात्मा को शान्ति मिले जिन्होंने श्री केशरीयानाथजी के मन्दिर के भंडार के सूचीकरण हेतु सम्पूर्ण सुविधायें उपलब्ध की थी । V. श्रीमान् सायरमलजी साहिब पटवा धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर कोलड़ी भंडार के सूचीकरण हेतु सम्पूर्ण सुविधायें उपलब्ध की थी । vi. श्रीमान् कल्याणमलजी साहिब भंसाली धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने श्री कुंथुनाथजी के मन्दिर के भंडार के सूचीकरण हेतु सम्पूर्ण सुविधायें उपलब्ध की थी । (2) स्व. श्रगरचन्दजी नाहटा बीकानेर, श्रीमान् भंवरलालजी नाहटा बीकानेर एवं महामहोपाध्याय श्री विनयसागरजी जयपुर वालों को धन्यवाद दिया जाता है कि उन्होंने इस सूची पत्र की भूलों का परिमार्जन व संशोधन किया है । ( 3 ) सेवा मन्दिर के परिवार में से श्री बंशीधरजी पुरोहित बी.ए.एल.एल.बी., श्री सुशीलकुमार मुथा एम. ए. एवं श्री रामलालजी घाड़ीवाल के नाम विशेषरूप से उल्लेखनीय है जिन्होंने इस सूची - पत्र को बनाने में पूरा सहयोग दिया है । जोधपुर 2044, होलिका रजपर्व दिनांक 3 मार्च 1988 तथा पुस्तक प्रकाशित करने का मुझे बिल्कुल अनुभव नहीं था- यह प्रथम प्रयास है अतः कई भूलें हुई हैं। उदाहरण स्वरूप प्रूफरीडिंग का काम मैंने पूर्णतः कर्मचारियों पर छोड़ देने की भयंकर भूल की अतः इस सूची पत्र में अनेक अशुद्धियां गई है । इन सब के लिये एक मात्र दायित्व व दोष मेरा है और तदर्थं क्षमा प्रार्थी हूं । For Private and Personal Use Only जौहरीमल पारख का प्रणाम
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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