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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 109 8A ।। १ 26 x 13 x 17x46_| संपूर्ण 64 गाथा की तात्विक 48 प्रश्नोत्तरी 10 1834 1868 नागपुर 26x11x13x40 31x12x15x42 72 कथायें 26x13x19x57 , 65 कथायें 1876 काल इना कथायें उपदेशमाला वृद्धिसागर परकी 1880भागनर चैन नीत 1880 26 x 12x14x50 62 पद 26 x 11x6x42 64 पद 19वीं 26x11x17x40 19वीं 26x11x17x70 टक 19वीं 26 x 12 x 19 x 49 | संपूर्ण 64 गाथा की 1902 32 x 12x13x50 1902पासोप प्रतापविजे 26 x 11x18 x 56 | अपूर्ण 29 से 57 प्रश्न | 18वीं तक | 25x12x11x32 , 37 गाथा तक | 19वीं 25x11x12x38 केवल 48वां प्रश्न 19वीं 26x11x20x54 | संपूर्ण 104 गाथा चौपई। 19वीं छन्द 26 x 11 x 9 x 40 ., 115 गाथा 1763 25 x 11x13x 40 , 46 गाथा 19वीं 25 x 11 x 11 x 37 ., ग्रंथान 2500 1676 खींमाड़ा| कथासह तेजकुशल 27x13x13x35 , 64 गाथा का ग्रं. | 1784राजनगर 1500 27x13x14x52 ,, 11 सर्ग 19वीं महावीर गणधर- | संस्कृत | 92 वाद ज्ञान व क्रिया का समन्वय सर्व धर्म समन्वय 26x12x16x48 19वीं 26x12x16x480 .. 6 अध्याय -2:1 | 19वीं श्लोक 26x12x--- प्रतिपूर्ण 19वीं सैद्धान्तिक बोल प्रोपदेशिक 25x12x14x44 संपूर्ण 25 गाथा 19वीं साथ में वर्म छत्तीसी तात्विक आध्यात्मिव | सं 26 x 12 x18x51 टक ग्रंथाग्र 289 (68| 19वीं में से केवल 12 पन्न हैं)। | 26 x 13x3 x 23 संपूर्ण 32 अष्टक ग्रं. 1500/ 1927 वृति ज्ञानमंजरी नाम्नी " . | म.मा. 60 For Private and Personal Use Only
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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