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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :-- [ 97 ____ 6 8 8A 9 10 11 जैन धार्मिक शोक प्रासं मा. 12 1 26x11x6x34 भिन्न 2 पन्ने 18/19वीं ग्रोपदेशिक दृष्टांत सं. | 27 x 12 x 15 x 55 संपूर्ण 157 कथानक - 1569 26 x 11 x 15 x 55 | अपूर्ण 69 काव्य-कथायें 18वीं 26 x 11 x 17 x 54 संपूर्ण 52 श्लोक 18वीं प्रौपदेशिक प्राचीन कर्म ग्रन्थ । कर्म सैद्धान्तिक साहि- प्रा.सं. 20 27x11x15x43 . 168 गाथा की 1580 922 प्रा. " 27 x || x 22 x 66 | , (168 4:6 --- | 19वीं 241-86+15 गा प्रा.स 1826x11x17x46 संपूर्ण 86 गाथा ग्रं 850 17वीं .., ., 1-4+ अंतिम पन्ना कम प्रा. 1826x12x13x38 ., (61+34+24 1592 +86-1-100+ 93 गाथा) | 2 3 (विपाक, स्तव, बध स्वामित्व पड़गीति, 56 शतक, सप्तति) प्रा.नं. 17226x 11-17x50 संपण अतिम पन्ना कम) 16वीं 26 x 11 x 16x66 , ग्रंथा. 101 37 (1| 1621 से 5 के) ,3880 छठे के 26 x 11x13x44 | संपूर्ण 396 गा. 1756 प्रा.मा. 25x12x4x42 1818 प्रा.सं. 46 | 25x11 x 11 x 37 | ,, यंत्रतालिका सह | 1820 विक्रम- अचूरि देव गुप्त पुर बखतसुदर शिष्य की है ? 26x12x || x33 | संपूर्ण 1825 प्रा29 प्रा.मा 318 25x13x15x37 . 396 गाथा का 1858 प्रा. 1896 22 26 x 13 x 12 x 40 | 45.17 28 x |426 x 11 20 x 12x4 x 36 19वीं 19वीं 11 x 26x5x41 19वीं प्रास 26 x 11 x 10 x 53 1481 प्रथम पन्ना कम है 20 गाथा प्रा. 29x15x11x27 | चार पूरे पांचवां 73 तक 19वीं प्रा.मा. | 31 24x12x9x31 संपूर्ण 19वीं |.. 47 28 x 14x7x21 19ीं बार्थ प्र ग्रं. तक ही For Private and Personal Use Only
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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