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૧૨૯ भालोमप्रतिलोमैकश्लोकः। इनपाल महारान गीत्वानुत ममाक्षर । रसमामननुत्यागी जराहामल पातन॥७॥
पानमसाला मामला
इन पंक्ति को उलटा पटनेसे उतरार्द बनजाना है।
___ एवं ९६.१ श्लोको। अनुलोमप्रतिलोमश्लोक युगलम्। रस माक्षर वामेश शमी चारु रुचानुतः। भो विभो नशनाजोरुनदेन विजरा मय॥८६॥ इसश्लोक कोउलटा पढने से नीचे लिरवा
७वांश्लोकवनजाता है। पा राज विनयेन रुजो नाशन भो विभो । ननु वारु रुचामीश शमेवारसमाक्षर ।।८७॥
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