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एकताक ऊष्मा स्त्री० [सं.] गरमी; ताप (२) ऊह अ० [सं.] ओह ! (२) पुं० अनुमान ' उनाळो (३) बाफ; वराळ (३) तक; दलील (४) अफवा - ऊसर पुं० [सं.ऊपर ऊखर-खारी जमीन ऊहापोह पुं० तर्कवितर्क; शोच विचार
ऋक् स्त्री० [सं.] वेदनी ऋचा (२) ऋतु स्त्री० [सं.] मोसम (२) स्त्रीनो पुं० ऋग्वेद
[नक्षत्र मासिक धर्म- रजादशन ऋक्ष [सं.], -च्छ पुं० रीछ (२) तारो;
ऋतुम (-व)ती वि० स्त्री०[सं.] रजस्वला ऋग्वेद पुं० [सं.] एक वेद . ऋतुराज पुं० [सं.] वसंत ऋतु ऋचा स्त्री० [सं.] वेदनो मंत्र
ऋत्विज पुं० [सं.] यज्ञ करावनार ब्राह्मण
ऋद्ध वि० [सं.] समृद्ध; संपन्न ऋच्छ पुं० जुओ 'ऋक्ष'
ऋद्धि स्त्री० [सं.] समृद्धि; आबादी ऋजु वि० [सं.] सरळ; सीधं (२) अनुकूळ
ऋद्धि-सिद्धि स्त्री० [सं.] रिद्धिसिद्धि ऋण पुं० [सं.] देवं.-उतरना, -चढ़ना=
ऋन पुं० ऋण.-निया, -नी वि० ऋणी देवू ऊतरवू, चडवू. -पटाना= देवू
ऋषभ पुं० [सं.] पोठियो (२) एक पतव- चूकते करवू
विशेष नाम
तत्त्वज्ञानी ऋणी वि० देवादार (२) आभारी ऋषि पुं० [सं.] वेदना मंत्रोनो द्रष्टा;
एंच-पेंच पुं० दावपेच; युक्ति एंजिन पुं० इंजिन एंडा-बेंडा वि० सीधं वांकु; आडुअवळू ऍड़ी स्त्री० एक जातनो रेशमनो कीडो
के तेनुं रेशम (२) जुओ 'एड़ी' । ऍडआ पुं० ऊढण एकंग वि० एकल एकंगा वि० एकांगी; एक तरफनु एक वि० [सं.] एक. -आँख न भाना-3 जरा पण ठीक न लागवू. -आंख से देखना=सी साथे समान भाव राखवो.
-न चलना=जरा पण न फावq; एक पण युक्ति न चालवी एक-आध वि० एकाद एक-कलम अ० एक-झपट; एकीसाथे एकज,न्मा पुं० [सं.] शूद्र (२) राजा एकटक अ० एकीटसे; अनिमेष एकड़ पुं० एकर (जमीन) एकतरफा वि० [फा. एकतरफी; पक्ष
पातवाळू; एक बाजुनु [समानना एकता स्त्री० [सं.] ऐक्य ; मेळ (२) एकताक वि० (प.) बराबर सरखं
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