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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उढ़ावनी उदावनी, उढ़ौनी स्त्री० ओढणी उतंग वि० (प.) उत्तुंग; ऊंचं ' उत, न अ० (प.) ते तरफ; त्यां उतना वि० (स्त्री० -नी) एटलं उतरन पुं० ऊतरेखें कोई पण वस्त्र उतरना अ० क्रि० ऊतरवं उतराई स्त्री० नीचे ऊतरवानी क्रिया (२) नदी पार ऊतरवार्नु खर्च (३) उतार; ढाळवाळी जमीन उतराना अ०क्रि० [सं.उत्तरण] पाणीनी उपर आवयूँ (२) ऊकळवू; ऊभरा (३) प्रगट थq (४) सक्रि० उतरावq उतरायल वि० ऊतरेलु; पुराणुं . उतलाना अ० क्रि० उतावळ करवी. उतान वि० [सं. उत्तान] चीत; चत्तुं उतायल अ० (प.) जुओ ‘उतावल' उतायली स्त्री० (प.) जुओ 'उतावली' उतार पुं० ऊतरवं ते (२) नदीनो उतार (३) झेर, केफ इ० नो उतार उतारन स्त्री० उतारेल- जीर्ण वस्त्र; 'उतरन' (२) माथा पर दाणा इ० उतारीने वाळवा ते; 'उतारा' उतारना स० क्रि० उतार उतारा पुं० उतारो ऊतरवानी जगा(२) नदी पार करवी ते (३) भूत इ० माटे दाणा वगेरे उतारवा ते के तेनी वस्तु उतारू वि० तैयार; तत्पर उताल अ०, -ली स्त्री० (प.) जुओ . अनुक्रमे 'उतावल, -ली' । उतावल अ० जलदी (२)स्त्री० उतावळ उतावला वि० (स्त्री० -ली) उतावळु उतावली स्त्री० उतावळ उतण वि० ऋणमुक्त । उत अ० 'उत'; त्यां; ते तरफ उत्तूगर उत्कंठा स्त्री० [सं.] तीव्र इच्छा उत्कट वि० [सं.] तीव्र; उग्र उत्कर्ष पुं० [सं.] श्रेष्ठता; मोटाई (२) चडती; उन्नति .. उत्कुण पुं० [सं.] माकण उत्कृष्ट वि० [सं.] उत्तम; श्रेष्ठ उत्कोच पं०[सं.]लांच [पहेलो पुरुष उत्तम वि० [सं.] श्रेष्ठ. -पुरुष =(व्या०) उत्तमर्ण पुं० [सं.] लोभीरनार; महाजन उत्तर पुं० [सं.] उ दिशा (२) जवाब (३) वि० पछी- (४) चडियातुं (५) अ० पछी. उत्तर-क्रिया स्त्री० [सं.] कारज उत्तरदाता पुं० [सं.] जवाबदार माणस उत्तरदायित्व पुं० [सं.] जवाबदारी उत्तरदायी वि० [सं.] जवाबदार उत्तराधिकार पुं० [सं.] वारसो. -री पुं० वारस उत्तरायण पुं० [सं.] उतराण उत्तरीय पुं० [सं.] उपरj (२) वि. उत्तरन (३) उपरनुं . . उत्तरोत्तर अ० [सं.] एक पछी एक; क्रमशः (२) लगातार उत्ता वि० 'उतना'; एटलं उत्साप पुं० [सं.] गरमी (२) दुःख; पीडा (३) शोक थियेलं उत्तीर्ण वि० [सं.] पारंगत (२) पास उत्तुंग वि० [सं.] ऊंचु; श्रेष्ठ उत्तू पुं० [फा.] कपडा पर भात पाडवाएक ओजार, जे गरम करीने वपराय छे;या ते द्वारा थत काम(२)वि० नशामां चकचूर. -करना = खूब मारवं पीटवू उत्तूकश, उत्तूगर पुं० [फा.] 'उत्तू' नुं काम करनार (जुओ 'उत्तू') For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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