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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ०४ आडंबरी आवर माउंबरी वि० ढोंगी; दंभी आतश-दान पुं० [फा. सगडी [पारसी आड़ स्त्री०आड; पडदो(२)रक्षण आशरो आतश-परस्त पुं० [फा.] अग्निपूजक; (३) रोकाण; प्रतिबंध (४) पियळ; आतशी वि० आतस-अग्नि संबंधी आडं तिलक (५)पुं० वींछीनो डंख (२) तापथी न फूटे एवं (काच) आड़न स्त्री० ढाल आतिथ्य पुं० [सं.]परोणागत;महेमानगीरी आड़ना स० क्रि० रोकवू (२) मनां आतिश स्त्री०आतस; आग (२)गुस्सो करवी (३) आडमां मूक; गीरवq। आतिशबाजी स्त्री० आग साथे खेलq आड़ा वि० आडु; वाकुं; वच्चे आवतुं. ते (२) आतसबाजी; दारूखानुं आड़े आना-आडा आवQ;रोकवू; वच्चे आतुर वि० [सं.] अधीरु; व्यग्र ; बेचेन; पडवू. आड़े हाथों लेना-व्यंगोक्तिथी गभरायेलु (२) दुःखी (३) रोगी (४) कोईने शरमावर्बु अ० जलदी . [(२) उतावळ आड़ी स्त्री० तबलां मृदंग वगाडवानी आतुरता,आतुरी स्त्री अधीराई;गभराट एक ढब (२) करवती; आरी (३) आत्मघात पुं० [सं.] आपघात पुं० ओथ देनार; रक्षक आत्मज पुं० [सं.] पुत्र (२) कामदेव आड़ पुं० एक खटमधुरुं फळ ; 'पीच' आत्मज्ञान पुं० [सं.]आत्मानो साक्षात्कार आढ़ पुं० स्त्री० आड; ओथ (२)अंतर; आत्मत्याग पुं० [सं.] स्वार्थनो त्याग आंतरो. - आढ़ करना= आजकाल आत्मनिवेदन पुं० [सं.] सर्वस्व अर्पण करवू; ढील करवी; टाळवू .. करवू ते (२)नवधाभक्तिनो एक प्रकार आढ़क पं० चार शेरनुं माप के मापियुं आत्मसात् अ० [सं.] एकरूप; पोता आढ़त स्त्री० आडत के तेनो माल रहेतो. जेवू होय एम होय ए स्थान आत्मा स्त्री० [सं.] आत्मा मानसिक आढ़तिया पुं० आडतियो; 'अढ़तिया' आत्मिक वि० [सं.] आत्मा संबंधी (२) आढच वि० [सं.] संयुक्त; -वाळू आत्मीय वि० [सं.] पोता, (२) पुं० आतंक मुं० [सं.] भय (२) रोग सगुंसंबंधी आतंकवाद पुं० [सं.] त्रासवाद आत्यंतिक वि० [सं.] अतिशय आततायी पुं० [सं.] अत्याचारी; पापी आथना अ०क्रि० (प.) होवू आतप पुं० [सं.] ताप; गरमी (२) ताव आदत स्त्री० [अ.]स्वभाव; प्रकृति(२)टेव आतपी पुं० [सं.] सूर्य आदतन् अ० [अ.] आदतने लईने; आतमा स्त्री० आत्मा स्वभावतः [आदमी; माणस आत (-ति)श स्त्री० [फा.आतंस;अग्नि आदमजाद पुं० आदमनुं संतान; आतशक पं[फा.चांदी गरमी उपदंशनो आदमियत स्त्री० [अ] मनुष्यत्व:माणसाई रोग आदमी पुं० [अ.] माणस (२) नोकर; आतशकी वि० चांदीनुं रोगी सेवक. -बनना-सभ्यता शीखवी . आतश-खाना पुं० पारसीनी अगियारी आदर पुं० [सं.] सन्मान; आबरू For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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