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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३८ आंचल आकलन चोट (५) हानि; अनिष्ट (६)विपत; आंवला पुं० [सं. आमलक आमळू संकट (७) प्रेम; महोबत आंवलोहू पुं० आमनो रोग; मरडो आंचल पुं० अंचल ; छेडो; पालव; आवां पुं० जुओ 'अवाँ' 'अंचरा' (२) जुओ 'अँचला' आंशिक वि० [सं.] अंशवाळु; कांईक भांजना स०क्रि० आंजवू; अंजन लगावq. (पूरु नहि) . छि आँट स्त्री० अंगूठा ने तर्जनी वच्चेनो आंसी स्त्री० मीठाई,जे मित्रोमां वहेंचाय हथेळीनो भाग (२)वेर (३) ओटी; आँसू पुं० आंसु.-गिराना, ढालना रडवू. गांठ (४) गठ्ठो ; पूळो (५) दाव; जोग -पीकर रह जाना-मनमां ने मनमांज आंटना अ० क्रि० जुओ 'अँटना' दुःख शमावी लेवू आँट-साँट स्त्री० दावपेच; प्रपंच आँहड़ पुं० वासण आँटी स्त्री० आंटी (२) ओटी (३) आँहां अ० आंहां, 'ना' देखाडतो उद्गार सूतरनी आंटी (४) गिल्ली . आइ स्त्री० (प.) आयु; उमर आँठी [सं. अष्टि; प्रा. अट्टि] दही, कफ आइंदा वि० [फा.] आवनारुं; आगंतुक इ० नो लोचो (२) गांठ (३)गोटली (२)पुं० भविष्य (३) अ० आगळ; आंत स्त्री०आंतरडुं.-उतरना आंतरडुं भविष्यमां; हवे पछी ढीलुं पडी नीचे ऊतरवाथी एक रोग आई स्त्री० [हिं. आना]मृत्यु(२) आना' नुं थवो. आँतोंका बल खुलना=धरावं. भूतकाळ स्त्री० रूप (३) जुओ 'आई' आँते कुलकुलाना या सूखना-भूखनी आईन पुं० [फा.] नियम; कायदो पीडा थवी. आंतें गलेमें आना-खूब आईना पुं० [फा.]आयनो; आरसी.-होना श्रम पडवो; आंतरडा ऊंचा चडी जवां । =स्पष्ट होवू. आईनेमें मुंह देखनाआँदू पुं० [सं. अंद] बेडी; बंधन पोतानी लायकात विचारवी-जोवी आंदोलन पुं० [सं.]. हिलचाल आईनी वि० [फा.कानूनी कायदाने लगतुं आंधरा वि० आंधळं - आक, आकड़ा पुं० आकडो । आँधी स्त्री० आंधी; जोरथी हवा वाई. आकन पुं० खेडेला खेतरमांथी बहार धूळ धूळ थई जवी ते;सखत वावाझोडु फेंकेल घास झांखरां इ० (२) वि० आंधी जेवू तेज आक बत स्त्री० [अ.] सांपराय; मरण आंब पुं० आंबो के केरी हळदर पछीनी अवस्था; परलोक आंबाहलदी स्त्री० 'आमाहलदी'; आंबा आकर पुं० [सं.] भंडार (२) खाण आँयबाय स्त्री० 'अंडवंड'; नकामी वात। आकरिक पुं० [सं.] खाणियो; खाणआंव पुं० आम; काचो मळ काम करनार आँवठ पुं० धार; किनार आकरी स्त्री० खाण, काम आँवड़ा वि० (प.) ऊंडु आकर्षण पुं० [सं.] खेंचाण आंवल पुं० गर्भनी ओर आकलन पुं० [सं.] संग्रह (२) गणतरी आँवल-नाल स्त्री० जन्मेला बालकनों नाळ (३) ग्रहण कर, के तपास, ते For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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