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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शौकीन ५०५ श्वेत शौकीन वि० शोखीन (नाम,-नी स्त्री०) श्रावण पुं० [सं.] श्रावण मास. -णी शौच पुं० [पं.] शुद्धता; पवित्रता (२) स्त्री० बळेव जंगल जवू ते; प्रातःकर्म स्त्रिी श्राव्य वि० [सं.] श्रव्य; सांभळवा योग्य शौत स्त्री० 'सौत'; शोकः पतिनी बीजी श्री स्त्री० [सं.] लक्ष्मी (२) शोभा (३) शौर्य पुं० [सं.] शूरवीरता विभूति; ऐश्वर्य शौहर पुं० [फा.] स्वामी; मालिक श्रीखंड पुं० [सं.] चंदन (२) शिखंड श्मशान पुं० [सं.] मसाण श्रीफल पुं० [सं.] नारियेळ [आभूषण श्मश्रु पुं० [सं.] दाढी मूंछ श्रीमंत वि० धनिक (२) पुं० माथा- एक श्याम वि० [सं.] काळ (२) पुं० श्रीकृष्ण श्रुत वि० [सं.] सांभळेलं श्यामल वि० [सं.] काळु; शामळू श्रुति स्त्री० [सं.] वेद (२) कान श्यामा स्त्री० [सं.] युवती (२) कोयल श्रेणी स्त्री० [सं.] पंक्ति; हार(२)परंपरा (३) अंधारी रात [बनेवी । श्रेय पुं०(२)वि० [सं.] भलुं; कल्याण श्याल पुं० शियाळ (२) [सं.] साळो के श्रेयस्कर वि० [सं.] भलं करे एवं; शुभ श्येन पुं० [सं.] बाज पक्षी आस्था श्रेष्ठ वि० [सं.] उत्तम श्रद्धा स्त्री० [सं.] निठा; विश्वास; श्रेष्ठी पुं० [सं.] शेठ श्रद्धालु वि० [सं.] श्रद्धालु श्रोता पुं० [सं.] सांभळनार श्रद्धेय वि० [सं.] पूज्य; श्रद्धापात्र श्रोत्र पुं० [सं.] कान (२) वेद श्रम पुं० [सं.] महेनत (२) थाक श्रौत वि० [सं.] श्रुति संबंधी श्रम-कण पुं० [सं.] परसेवान टी' इलथ वि० [सं.] ढीलं; नरम श्रमजल पुं० [सं.] परसेवो श्लाघा स्त्री० [सं.] तारीफ श्रमजीवी वि० [सं.] महेनत मजूरी श्लील वि० [सं.] सारुं; शुभ करीने जीवनार (२) पुं० मजूर । श्लेष पुं० [सं.] संयोग (२) आलिंगन श्रमग पुं० [सं.] बौद्ध साधु; यति (३) एक अलंकार-द्विअर्थी शब्दप्रयोग श्रमित वि० [सं.] थाकेलं श्लेष्मा पुं० [सं.] श्लेष्म; कफ श्रमी वि० [सं.] महेनतु (२) श्रमजीवी श्लोक पुं० [सं.] संस्कृत पद्यनी कडी श्रवण पुं० [सं.], -न पुं० (प.) कान (२) (२) कीति; प्रशंसा सांभळवू ते श्वपव पुं० [सं.] चंडाळ श्रव्य वि० [सं.] सांभळवा योग्य श्वशुर पुं० [सं.] ससरो श्रांत वि० [सं.] थाकेलं (२) शांत; संयमी श्वभू स्त्री० [सं.] सासु श्रांति स्त्री० [सं.] थाक; विश्राम श्वान पुं० [सं.] कूतरो श्राद्ध पुं० [सं.] पितृओनुं तर्पण श्वास स्त्री० [सं.] श्वास; दम (२) प्राण श्राप पुं० शाप श्वासकास पुं० [सं.] दम अने खांसी श्रावक पुं० [सं] जैन के बौद्ध धर्मी (२) श्वेत वि० [सं.] सफेद (२) पुं० सफेद वि० सांभळनार रंग (३) चांदी For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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