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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वहशत ४८१ वाजिह वहशत स्त्री० [अ.] जंगलीपणुं; असभ्यता वाकिफ़यत स्त्री० [अ.जुओ 'वाक़फ़ियत' (२) गांडपण (३) चंचळता; अधीराई। वाक्य पुं० [सं.] वचन; वाक्य (४) डर; भय; भयंकरता वागीश पुं० [सं.]ब्रह्मा(२)कवि(३) वक्ता वहशी वि० [अ.] जंगली; असभ्य (२) वागीश्वरी स्त्री० [सं.] सरस्वती _अधीर; चंचळ वागुरा स्त्री० [सं.] जाळ; फांदो [वडां वहाँ अ० त्यां [तेनो अनुयायी वाग्जाल पुं० [सं.] वातोनी जाळ; वातनां वहाबी पुं० एक मुसलमान संप्रदाय के . वाग्दत्त वि० [सं.] जेने आपवानी वात वहीं अ० त्यां ज थई होय एवं [वचन वही स० [वह ही] ते ज (व्यक्ति) (२) । वाग्दान पुं०[सं.] कन्यानी सगाई करवानुं स्त्री० [अ.] खुदानो पेगाम वाग्दोष पुं० [सं.] बोलवामां भूल (२) वहीद वि० [अ.] अनुपम; अजोड गाळ; निंदा बृहस्पति (३) पंडित वह्नि पुं० [सं.] अग्नि वाग्मी पुं० [सं.] अच्छु बोलनार (२) वांछनीय वि० [सं.] इच्छवा योग्य वाग्विलास पुं० [सं.] वातोनो आनंद वांछा स्त्री० [सं.] इच्छा; कामना वाङ्मय पुं० [सं.] साहित्य (२) वि० वांछित वि० [सं.] इच्छेलं [ऊलटी वाचा संबंधी वांत वि०[सं.] ऊलटी थयेलं (२) पुं० । वाच, -चा स्त्री॰ [सं.] वाणी [बोलनार वांति स्त्री० [सं.] ऊलटी वाचक वि० [सं.] सूचक (२)पुं० शब्द (३) वा अ० [सं.] अथवा; या (२) [अ.] हाय; वाचन पुं० [सं.] वांचq ते जगा हा (३) स० (प.) 'वह' नुं व्रज भाषानुं वाचनालय पुं० [सं.] छापां वांचवानी रूप. जेम के 'वाको' 'वाने' वाचा स्त्री० [सं.] वाणी. ०बद्ध वि० वाइज पुं० [अ.] धर्मोपदेशक; वायेज वचनथी बंधायेलं [बोलनारु वाइदा पुं० [अ.] वायदो; 'वादा' वाचाट, -ल वि० [सं.] वाचाळ; अति वाक् स्त्री० [सं.] वाचा; वाणी वाच्य वि० [सं.] कहेवा जेवू(२) वाचकथी वाक़अ वि०[अ.] बननाएं; थनारुं (२) बतावाय एवं आवेलं; स्थित वाच्यार्थ पुं० [सं.] शब्दार्थ वाक़ई वि० [अ.] यथार्थ; साचुं (२) । वाज पुं० [अ.] उपदेश (२) धार्मिक कथा अ० खरेखर; साचे; वस्तुतः वाजा वि० [अ.] बनावनार वाक़फ़ियत स्त्री० [अ] वाकेफगारी;जाण वाजिब वि०[अ.] योग्य; वाजबी (२) (२) परिचय समाचार पुं० वृत्ति; वेतन [कार्यो वाक़या पुं० [अ. वाक़िअ] बनाव (२) वाजिबात स्त्री० ब०व० [अ.] आवश्यक वाक़ा वि० जुओ वाक़अ'.-होना=बनवू वाजिबी वि० [अ.] वाजबी; योग्य वाक़िफ़ वि० [अ.] वाकेफ वाजिह वि० [अ.] मालूम; प्रतीत (२) वाक़िफ़कार वि० वाकेफगार; प्रवीण __खुल्लं; स्पष्ट. -होना = मालूम पडवू; वाकियात स्त्री० [अ.] 'वाक़या' मुंब०व० विदित थर्बु हिं-३१ पत For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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