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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३३ अवस्था अंशुद्ध अवस्था स्त्री० [सं.] दशा; हालत अवेर स्त्री० ढील; मोडु थQ ते; वार (२) उमर [(२) नक्की अवैतनिक वि० [सं.] वेतन वगरन; मानद अवस्थित वि० [सं.] हयात; विद्यमान अव्यक्त वि० [सं.] अगोचर (२) अज्ञात अवस्थिति स्त्री० [सं.] हयाती (३) पुं० प्रकृति (४) जीव (५) अवहेलना स्त्री० [सं.] अनादर (२) अव्यक्त राशि सक्रि० अनादर करबो [भठ्ठी अव्यक्त-गणित पुं० [सं.] बीजगणित अवा(-वा) पुं० 'आवाँ'; कुंभारनी अव्यय वि० [सं.] नित्य ; निर्विकार (२) अवांतर वि० [सं.] अंतर्गत (२) पुं० पुं० व्याकरणनो अव्यय शब्द मध्य ; वच अव्यवस्था स्त्री० [सं.] व्यवस्था के अवाई स्त्री० (हिं० आना) आवq ते नियमनो अभाव; गरबड अवाक वि० [सं.] चूप (२) चकित अव्युत्पन्न वि० [सं.] अजाण; अणसमजु अवाङ्मुख वि० [सं.] अधोमुख ; ऊलटुं अव्वल वि० [अ.] अवल; पहेलु (२) (२) शरमायेलं . उत्तम; श्रेष्ठ (३) पुं० शरूआत; अवाची स्त्री० [सं.] दक्षिण दिशा आदि. उदा० 'अव्वलसे आखिर तक अवाच्य पुं० [स.] गाळ (२) वि० न अशंक वि० [सं.] नीडर; निःशंक बोलवा-कहेवा जेवू (३) नीच अशअश करना-खूब खुश के संतुष्ट थq अवाम पुं० [अ.] आमजनता अशआर पुं० [अ] ('शेर' नुं ब०व०) अवाम-उन्नास पुं० जुओ 'अवाम' काव्यनी ढूंको अवायल वि० [अ.] प्राथमिक ; शरूनुं अशकुन पुं० अपशुकन ('अव्वल'नें ब०व०) . अशक्त वि० [सं.] नबछु; शक्ति वगरनुं अवार सुं० [सं.] नदीनो आ किनारो; अशक्ति स्त्री० [सं.] नबळाई; कमजोरी 'पारथी' ऊलटुं नो चोपडो अशक्य वि० [सं.] असंभव; शक्तिबहारन अवारजा पुं० [फा. अवारिज] हिसाब- अशखास [अ. 'शख्स' नुं ब०व०] घणा अविच्छिन्न, अविच्छेद वि० [सं.] अतूट; माणसोनु छै; जनसमूह लगातार; अखंड [माया अशजार पुं [अ.] झाडी; वृक्षसमूह अविद्या स्त्री० [सं.] अज्ञान; मोह (२) अशन पुं० [स.] खावं ते (२) खोराक अविधि वि० [सं.] विधि-नियमथी अशरफ़ पुं० भलो माणस'; मोटेरो विरुद्ध; नियम बहार अशरफ्री स्त्री० [फा.] सोनानो एक अविरथा अ० (प.) वृथा; नाहक सिक्को (२) एक पोळु फूल । अविरोध पुं० [सं.] विरोधनो अभाव • अशराफ़ वि० शरीफ; भलु (माणस) (२) मेळ ; समानता [(२) अन्याय अशिया स्त्री० [अ.] चीजो; वस्तुओ अविवेक पुं० [सं.] अविचार; अणसमज अशिष्ट वि० [सं.] असभ्य ; असंस्कारी अविश्वास पुं० अणभरोसो(२)अनिश्चय अशुद्ध वि० [सं.] मेलं; अपवित्र अवेज पुं०[अ. एवज] (प.) बदलो; अवेज (२) भूलभरेलु . हिं-३ For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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