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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रीस ४५६ हवा रीस स्त्री० 'रिस'; क्रोध (२) ईर्ष्या; रुचना अ०क्रि० रुचवू; गमवू दाझ (३) स्पर्धा; बराबरी. -करना=3 रुचि स्त्री० [सं.] इच्छा; भाव (२) भूख बराबरी करवी; स्पर्धवं रुचिकर वि० [सं.] सुंदर; प्रिय (२) भूख रोसना अ०क्रि० रिसावं; गुस्से थर्बु उघाडे एवं पीडा रोह स्त्री० [अ.] अपानवायु (२) वा; वायु रुज पुं०, रुजा स्त्री० [सं.] भांग (२)रोग; रुंज पुं० एक वाद्य रुजी वि० बीमार; रोगी लागेलं रुड पुं० [सं.] धड रुजू वि० [अ.] कशामा प्रवृत्त थयेखेंरुंदवाना सक्रि० 'रौंदना' नुं प्रेरक रुठ पुं० क्रोध; गुस्सो । रुंधना अ०क्रि० रूंधावू ('सँधना' नुं रुठना अ०क्रि० 'रूठना'; रूठवू __ कर्मणि) रुठाना सक्रि० रूठवq; नाराज करवु रुअब पुं० जुओ 'रोआब' रुतबा पुं० [अ.] होद्दो; पद (२) प्रतिष्ठा रुआ पुं० (प.) 'रोआँ'; रूवं; रोम रुदन पुं० [सं.] रोवू ते रुआ(-वा) ब पुं० जुओ ‘रोआब' रुद्ध वि० [सं.] रोकायेलु; बंध; घेरायेलं रुकना अ०क्रि० रोकावू; अटकवू रुद्र वि० [सं.] भयानक (२) पुं० शंकर के रुकाव पुं०, ०८ स्त्री० रोकाण; बाधा; तेना गण (जेनी माळा बने छ) अंतराय; विघ्न रुद्राक्ष पुं० [सं.] एक वृक्ष के तेनुं बीज रुक्का पुं० [अ.] रुक्को; चिट्ठी रुद्राणी स्त्री० [सं.] पार्वती रुक्न पुं० [अ.] स्तंभ रुद्री स्त्री० शिवनी स्तुतिनुं एक स्तोत्र रुक्म पुं० [सं.] सोनुं रुधिर पुं० [सं.] लोही झणकार रुक्ष वि० [सं.] लूखं; शुष्क (२) कठोर रुनझुन, रुनुकझुनुक स्त्री० रूमझूम करतो रुख पुं० [फा.] गाल (२)मों (३) मों पर। रुपना अ०क्रि० रोपावं; 'रोपना'नं कर्मणि जणाती मननी इच्छा (४) कृपादृष्टि ___ रुप(-4)या पुं० रूपियो (२) धन; (५) शेतरंजनुं महोरं - हाथी (६) अ० संपत्ति. पंसा पुं० धन; संपत्ति तरफ; बाजूए रुपहरा, -ला वि० रूपेरी; चांदी जेवू रुखदार वि० [फा. पडतो; घटतो (भाव) रुबा वि० [अ.] चोथा भागनुं रुखसत स्त्री० [अ.] आज्ञा (२) रवानगी रुबाई स्त्री० [अ.] रुबायत; एक चरण (३) छुट्टी; रजा [अपातं धन . रुमाल पुं० जुओ 'रूमाल' रुखसताना पुं० [फा.] विदाय देती वेळा रुमाली स्त्री० पट्टीवाळो त्रिकोणाकार रुखसती स्त्री० [अ.] विदाय; वळावq ते लंगोट (२) मगदळनो एक दाव रुखसार पुं० [फा.] गाल; कपोल रुरुआ पुं० एक जातनो मोटो घुवड रुखाई स्त्री० रूक्षपणुं; शुष्कता (२) । रुलाई स्त्री० रोवू ते; रुदन कठोरता रुलाना सक्रि० रडावq (२) रोवडाववं; रुखानी स्त्री० सुतारनी फरसी नष्ट के खराब कर रुग्ण वि० [सं.] मांदु; बीमार रुवा पुं० शीमळा- रू For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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