SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 450
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org मुहाफ़िजत राखवानुं स्थान. ०त स्त्री० रक्षा;संभाळ. ० दफ़्तर पुं० दफ्तरी; 'रेकर्डकीपर ' मुहार स्त्री० [फा.] ऊंटनी नकेल - नाथ मुहाल वि० [ अ ] असंभव; अघरं मुहावरा पुं० [अ.] महावरो; आदत ( २ ) भाषानो रूढिप्रयोग; कहेवत मुहासरा पुं० [अ.] घेरो मुहास [अ.] हिसाबनीस (२) अन्वेषक (३) गणिती ४३४ मुहासिरा पुं० जुओ 'मुहासरा' मुहासिल पुं० [फा.] आवक (सरकारी अने बीजी) (२) नफो मुहब्ब पुं० [ अ ] दोस्त मुहिम स्त्री० [ अ ] लडाई (३) चडाई; आक्रमण मुहीत वि० [ अ ] घेरो घालनारुं ( २ ) पुं० घेरो भारे काम ( २ ) वि० [अ. महब] रामणुं भयानक मुहूर्त पुं० [सं.] शुभ घडी ; महुरत ( २ ) अमुक समय - दिवसनो ३० मो भाग मुहैया वि० [अ.] तैयार; हाजर मूँग स्त्री० पुं० मग मूँगफली स्त्री० मगफळी सूँगा पुं० परवाळु; एक लाल रत्न मूँछ स्त्री० मूछ. -- उखाड़ना = अभिमान उतारवु. मूँछें नीची होना = मूछ नीची थवी; पाछा पडवुं; आबरू जवी. मूँछों पर ताव देना = मूछ पर ताल देवो; . मूछ मरडव मूँज स्त्री०; मुंज घास मूँड पुं० मुंड; माथु. - चढ़ाना = मोढे चडावनुं. - मारना=माथाझीक करवी. -मुँड़ाना = संन्यासी थवुं मूँडन पुं० मुंडन; मूंडावतुं ते Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मूर्छित मूँड़ना स०क्रि० मूंडवुं मूँड़ी स्त्री० माथु. ०काटा पुं० 'मूओ' "अर्थनो स्त्रीओनो पुरुष माटे प्रयोग मूँदना स०क्रि० ढांकवुं मू, म्ए पुं० [फा.] मुवाळो; वाळ मूक वि० [ सं . ] मूगुं (२) विवश; लाचार मूकना स०क्रि० ( प. ) मूकवुं; छोडवु मूका पुं० मुक्को मूछ स्त्री० 'मूंछ '; मूछ o मूजिद वि० [ अ ] शोधक; 'ईजाद' करनार मूजिब पुं० [ अ ] कारण मूजी वि० [ अ ] दुष्ट; पीडा करनार मूठ ( - ठि, ठी) स्त्री० मूठी (२) दस्तो; हाथो (३) मूठनो मंत्रतंत्र मूड़ पुं० मुंड; माथु मूढ़ वि० [सं.] मूर्ख; जड (२) शूढमूढ मूढगर्भ पुं० [सं.] गर्भमां बगाड - विक्रिया मूत पुं० मूत्र; मूतर मूतना अ०क्रि० मूतरखुं मूत्र पुं० [ सं . ] मूतर; पेशाब मूत्राशय पुं० [सं.] फुक्को; शरीरनी मूतरनी कोथळी मूनिस पुं० [ अ ] मित्र ( २ ) मददगार मू-ब-मू अ० [ अ ] बारकाईथी ( २ ) सौ वातोमां [ ( २ ) जडीबुट्टी मूर पुं०, मूरि ( - री) स्त्री० मूळी; मूळ मूरख पुं० ( प. ) सूरत स्त्री० ( प. ) मूर्ति मूर्ख; अज्ञान मूरि, -री स्त्री० जुओ 'मूर' मूरिस पुं० [ अ ] मृत पूर्वज ; वारसो मूकी जनार मूर्ख पुं० [सं.] अज्ञान; बेवकूफ मूर्छा, र्छा स्त्री० [सं.] बेभान; बेहोशी मूच्छि ( - छि) त वि० [सं.] मूर्छा पालुं For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy