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अराज
अर्श अराज वि० राजा बिनानु; अंधर (२) अर्ज स्त्री० [अ.] विनंती; अरज; प्रार्थना .. पुं० अराजकता; अव्यवस्था
(२) पुं० पनो; चोडाई (३) जमीन अराजक वि० [सं.] राजा विनानुं अर्जदाश्त स्त्री० [फा.अरजी; विनंतीपत्र अराजकता स्त्री० [सं.] जुओ'अराज' अर्जन पुं० [सं.] कमावू-पेदा कर, ते अराजी स्त्री० [अ.] जमीन (२) खेतर .. अर्जमन्द वि० [फा.] आबरूदार; लायक अराति पुं० [सं.] शत्रु (२) काम क्रोधादि अर्जा वि० [फा.] सस्तुं षड्पुि
अर्जानी स्त्री० [फा.] सस्तापर्यु अराधन पुं० आराधन
अर्जी स्त्री० [अ.] अरजी; अर्जदाश्त'. अराधना [सं.] आराधq; पूजवू. अर्जी-दावा पुं० [फा.] दावा-अरजी अरारू(-रो)ट पुं० [इं.एरोरूट] एक कंद अर्थ पुं० [सं.] अर्थ; मायनो (२) हेतु अराल वि० [सं.] कुटिल; वांकु (२) पुं० (३) लाभ (४) संपत्ति मद गळतो हाथी
अर्थकर वि० [सं.] लाभकारक अरि पुं० [सं.] शत्रु; दुश्मन
अर्थमंत्री पुं० [सं.] नाणाप्रधान - अरिष्ट पुं० [सं.] दुःख, पीडा (२)
अर्थवेद पुं० [सं.] शिल्पशास्त्र आफत; अपशुकन
अर्थशास्त्र पुं० [सं.] सम्पत्तिशास्त्र अरी अ० स्त्री माटेनुं संबोधन'; 'हे'
अर्थ-सचिव पुं० [सं.] जुओ 'अर्थमंत्री' अरीजा वि० [अ.] निवेदित; अरज
अर्थात् अ० [सं.] यानी; एटले के करायेलु (२) पुं० अरजी ।
अर्थी स्त्री० जुओ 'अरथी' अर अ० (प.) अने; 'और'
अर्दन पुं० [सं.] पीडवू ते ; हिंसा अरुचि स्त्री०[सं.] अनिच्छा (२) मंदाग्नि
अर्दली पुं० जुओ 'अरदली' (३) घृणा ['उलझना'
अर्द्ध वि० अर्व; 'आधा' अरुझना अ० क्रि० फसावं; गूंचवावु :
अांग पुं० [सं.] लकवो; पक्षाघात अल्झाना स० क्रि० जुओ 'उलझाना'
अर्धागिनी स्त्री० [सं.] स्त्री पत्नी अक्षण वि० [सं.] लाल (२) पुं० सूर्य (३) अर्वागी वि० लकवो थयेलु (२)पुं० शिव सिंदूर
अर्पण पुं० [सं.] आपq ते (२) भेट अरोगना सक्रि०(प.) आरोगना'; खाईं।
अर्पना स० क्रि० अर्प; आपq अर्क पुं० [अ.] जुओ 'अरक़'.
अर्बुद पुं०[सं.]दस करोडनी संख्या [नानुं अरेजी स्त्री० [अ.+फा.] खूब महेनत अर्भक पं० [सं.] बालक (२)वि० नादान; अर्गलं पुं०[सं.] आगळो; भुंगळ
अर्वाचीन वि० [सं.] आधुनिक; नवं अर्घ पुं० [सं.] पूजानो एक विधि
अर्श पुं० [अ.] मुसलमानो माने छे ते (२) पूजापो (३) किंमत...
. सौथी ऊंचु - खुदानुं धाम (२) (सं.) अर्घ्य वि० [सं.] पूज्य (२) कीमती ..
हरस रोग. -पर चढ़ाना-खूब तारीफ अर्चन पुं० [सं.] पूजन' (२) आदर- करवी. -पर दिमाग होना = बहु सत्कार
अभिमान होवू
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