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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir माकूल मादनियात माक़ल वि० [अ.] सयुक्तिक; उचित; मातना अ०क्रि० मातवं (जओ 'माता'मां) योग्य (२) अच्छु (३) समजदार (४) मातबर वि० [अ. मुअतबर] साचं; वादविवादमां निरुत्तर के अनुकूल विश्वासपात्र; इतबार लायक. -री थयेलं के मानी लेनाएं। स्त्री० विश्वासपात्रता [रोवू वगेरे माकूस वि० [अ.] ऊलटुं; ऊंधुं मातम पुं० [अ.] मरणनो शोक के माखन पुं० माखण; 'मक्खन' मातमदारी स्त्री० शोक पाळवो ते । माखी स्त्री०(प.) माखी (२) सोनामुखी मातमपुर्सी स्त्री० [फा.] शोकमां सांत्वन माखूज वि० [अ.] दोषित; आरोपी देवं ते; दिलासो; खरखरो माखूलिया पुं० [फा.] गांडपण . मातमी वि० [फा.] शोकसूचक माघ ०[सं.] माह महिनो. -घी वि० ते मातहत वि० [अ.] अधीन; ताबान मासन मातहती स्त्री० [फा.] अधीनता; ताबो माछ पुं० (प.) माछली माता स्त्री० मा. (२) वि० मातुं; मस्त माछी स्त्री० माखी [प्रसंग (अ.क्रि० मातना) [मामी माजरापुं० [अ.] हाल; वृत्तांत (२) बनाव; मातुल पुं० [सं.] मामा. -लो स्त्री० माजिद पुं० [अ.] बजरग; वडील मातृ स्त्री० सं.] माता. ०का स्त्री० मा माजिया अ० [अ.] पछीथी; आगळथी (२) धाव; आया (३) सावकी मा. माजिरत स्त्री० [अ.] बहानु; उजर । भाषा स्त्री० स्वभाषा; मादरी जबान माजी वि० [अ.] माजी; थयेलु; भूतपूर्व मात्र अ० [सं.] केवळ; फक्त (२) पुं० भूतकाळ मात्रा स्त्री० [सं.] माप; प्रमाण (२) माजून स्त्री० [अ.] (शक्तिनी दवावाळो) स्वर के सूरनी मात्रा मीठो अवलेह (२) भांगवाळी चासणीनं मात्सर्य पुं० [सं.] मत्सर; द्वेष चकतुं माथा पुं० माथु. -टेकना-माथु नमाववू; माजूर वि०[अ.] नकामु (२) असमर्थ प्रणाम करवा. -ठनकना-कोई खराब माजूल वि० [अ.] रद करेलु (२) पदभ्रष्ट बनावनी आगळथी शंका जवी.०पच्ची, माट पुं० मोटुं कूडु (रंगनु) (२) माटलं पिट्टन स्त्री०माथा झीक; मगजमारी. माटा पुं० लाल मंकोडो माथे अ० माथा उपर (२) आशरे; माटी स्त्री० (प.) 'मिट्टी'; माटी भरोसे. -पर बल आना, पड़ना=चहेरा माणिक, क्य पुं० [सं.] माणेक पर क्रोधनी के दुःख इ०नी करचली मातंग पुं० [सं.] हाथी पडवी-ते देखावां. -मानना = मात स्त्री० [अ.] मात थq ते; हार (२) । स्वीकार; माथे चडावq; अंगीकार वि० मात; हारेलं. -करना, देना = । करवो. -मारना = खूब मथवू मात करवं. -खाना = हार मादक वि० [सं.] केफी; नशावाळं मातदिल वि० [अ. मुअतदिल] न बहु मावन पुं० [अ.], -नियात स्त्री० जुओ . गरम के ठंडु; समशीतोष्ण 'मअदन', –'नियात' हिं-२७ For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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