SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 402
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बे-तहाशा ३८६ बे-बाकी बे-तहाशा अ० [फा.] उतावळथी (२) बे-नमक वि० [फा.] फीकुं; लूण वगरनुं अधीराईथी (३) विना समज्ये बे-नमूना वि० [फा.] बेनमून; अजोड बेताब वि० [फा.] दुर्बळ (२) बेचेन बे-नवा वि० [फा.] गरीब (२) फकीर (नाम, -बी स्त्री०) बे-नसीब वि० [फा.] कमनसीब; अभागी बेतार वि० तार विनानुं बेना पुं० वांसनो पंखो बेतारका तार पुं० 'वायरलेस' तार बेनागा अ० सतत; लगातार बेताल पुं० वैताल (२) भाट; चारण बे-नियाज वि० [फा.] सौथी पर (२) (३) वि० ताल वगरनु; 'बेताला' बेपरवा (नाम, -जी स्त्री०) बेतुक,-का वि० मेळ के ढंग वगरन; बेनी स्त्री० वेणी (२) त्रिवेणी कढंग; 'बेढब' बेनुली स्त्री० घंटीनी मांकडी बे-तौर अ० [फा.] जुओ 'बेतरह'; कढंगुं बेपरद, बेपर्व वि० [फा. पडदा वगरनु; बेद स्त्री० 'बेंत'; नेतर [फा.](२)पुं० वेद खुल्लु (२) नग्न (नाम, बेपर्दगी)। बेदखल वि० [फा. कबजो के अधिकार बे-परवा (०ह) वि० [फा.] बेपरवा; रहित (नाम,-ली स्त्री०) बेफिकर (२) अति उदार (नाम, बेदन,ना स्त्री० वेदना; पीडा ०ई, ही स्त्री०) बेदम वि० [फा.] मरेलु (२) अधमूउं (३) बेपार पुं० वेपार. -री पुं० वेपारी दम वगरनुं बेपीर वि० बीजानी पीड न समजनारं; बेद-मुश्क पुं० [फा.] एक फूलझाड । निष्ठुर; निर्दय (२) [फा.] पीर के गुरु बेदरद, बेदर्द वि० [फा.] कठोर हृदयनु; वगरनु; नगरुं निष्ठर (नाम, -र्दी स्त्री०) बेदी वि० तळिया वगर. -का लोटा बेदारा वि० [फा.] डाघ वगरनुं (२) =ढोचका जेम अस्थिर के गबडता निष्कलंक विचारनुं [नकामुं बेदाना पुं० सरस काबुली अनार (२) बेफ़ायदा वि० (२) अ० [फा.] व्यर्थ; बेदाणा औषधि (३) वि० [फा.] मूर्ख; । बेफ़िक्र वि० [फा.] बेफिकर (नाम, -क्री बेवकूफ [बदाम स्त्री०) [निर्भेळ बे-दाम वि० वगर पैसे; मफत (२) पुं० बे-बदल वि० [फा.] अफर; नक्की (२) बेदार वि० जागत; जाग्रत (नाम,-री) बे-बरकत वि० [फा.] बरकत वगरनुं. बेध पुं० वेध; काj ती स्त्री० [स्त्री०) बधड़क वि० (२) अ० निःसंकोच (२) । बेबस वि० लाचार; विवश (नाम, -सी नीडर (३) निःशंक . बेबहा वि० [फा.] भारे किंमत; अमूल्य बेधना सक्रि० वींधवं बेबाक़ वि० [फा.] चूकते थयेलं (ऋण) बेधर्म,-रम वि० धर्मभ्रष्ट (नाम, -को स्त्री०) बेनजीर वि० [फा.] अनुपम; अजोड बेबाक वि० निर्भय; नीडर (२) चूकते; बेनट स्त्री० बॅयोनेट; संगीन बाकी वगरनु. -की स्त्री० नीडरता For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy