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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बिसेसर ३८१ बीभत्स बिसेसर पुं० (प.) विश्वेश्वर बीच-बचाव पुं० जुओ 'बिचबिचाव' बिस्कुट पुं० [इं.] बिस्किट बीचि स्त्री० वीचि; लहेर; मोजु बिस्तर,-रा पुं० पथारी; बिस्तरो । बीचोबीच अ० वच्चोवच्च बिस्तुइया स्त्री० घरोळी माटे) बीछना सक्रि० वीण; चूंटवू बिस्मिल वि० [अ.] घायल (प्रायः प्रेमी बीछी, -छू पुं० वींछी बिस्मिल्लाह पं० [अ.] श्रीगणेश; आरंभ बीज पुं० [सं.] बी (२) मूळ (३) कारण; बिस्वा पुं० वसो; वीघानो वीसमो भाग हेतु (४) वीर्य; शुक्र [(३) बिजोरुं बिस्वादार पुं० भागियो (२) पेटा- बीजक पुं० [सं.] सूचि; यादी (२) बी जमीनदार बीजन,-ना पुं० वींजणो बिस्वास पुं० विश्वास बीजरी स्त्री० (प.) वीजळी बिहंग(०म) पुं० विहंगम; पक्षी बीजा पुं० बीज (२) वि० (प.) बीजूं बिहतर वि० [फा.] बहेतर; सारं बीजी स्त्री० गोटली; मीज बिहतरी स्त्री० [फा. भलाई; हित बीजु (०री) स्त्री० बीजळी बिहरना अ० क्रि० विहरवू; विचरवू . बीजू वि० बीज वाव्ये थतुं; 'कलमी' थी बिहान पुं०वहाणं;प्रभात(२)आवती काल ऊलटुं (२) पुं० 'बिज्जु'; वीजळी बिहाना अ० क्रि० (प.) वहेवू; वीत, बोट स्त्री० अधार; पक्षीनी विष्टा (२) स० क्रि० छोडवू; त्यागवू बीड़ स्त्री० रूपियानी थोकडी बिहाल वि० बेहाल बीड़ा पुं० पान- बीडूं. -उठाना = बीडूं बिहिश्त पुं० [फा.] बेहेस्त; स्वर्ग. -का झडप.-डालना,-रखना = बीडु फेरव जानवर मोर. -का मेवा= अनार; बीड़ी स्त्री० पाननी के पीवानी बीडी दाडम. -की हवा = ठंडी सुगंधी हवा (२) दांतनी मसी बिही स्त्री० [फा.] एक झाड. ०दाना बीतना अ०क्रि० वीत; गुजरवं पुं० 'बिही' ना फळना दाणा बीता पं० जओ 'बित्ता': वेंत बिहीन, बिहन (प.) वि० विहीन; रहित बीती स्त्री० वीतेलं ते; वीतक बोंड़ी स्त्री० उढाणी (२) बेलगाडीमां बीधना अ० क्रि० 'बिँधना'; वींधावू (२) आगळ जोडातो श्रीजो बळद के तेनुं ___ सक्रि० 'बींधना'; वींधवं वाजु दोरडु बीन स्त्री० बीन वाजु (२) मदारीनू बींधना स० कि० वींधवू; छेद पाडवो बीनना सक्रि० वीण, (२) वणवं बी स्त्री० बीबी; स्त्री बीनाई स्त्री० [फा. जोवानी शक्ति;दृष्टि बीका वि० वांकु; 'बाँका' बीनी स्त्री० [फा.] नाक बीधा पुं० वीडूं बीफ पुं० गुरुवार बीच पुं० वच; मध्य (२) आंतरो; फरक बीवी स्त्री० [फा.] कुलीन स्त्री (२) (३)अ० वच्चे; अंदर. -खेत-खुल्लेखुल्लू पत्नी (३) 'सन्नारी' एवं संबोधन (२) अवश्य. -बीच = वच्चे वच्चे बीभत्स वि० [सं.] गंदु; घृणित; खराब For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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