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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परमी बर्खास्त बरमी पुं० बर्मी; ब्रह्मदेशवासी (२) बराबर वि० [फा.] बराबर; समान (२) स्त्री० ब्रह्मदेशनी भाषा (३) वि० तेने सरखं; सपाट (३) अ० लगातार; लगतुं (४) स्त्री० नानी शारडी सतत (४) हमेश. -करना=पूरुं करवं. बर-वक्त अ० [फा.] बरोबर वखत पर; -से निकलना--नी पासेथी जदूं वखतसर बराबरी स्त्री० [फा. समानता (२) बरवट स्त्री० प्लीहानो रोग सरसाई; स्पर्धा; सामनो । बरस पु० वरस. गाँठ स्त्री० वर्षगांठ बरामद वि० [फा.] बहार के सामे बरसना अक्रि० वरसवं. बरस पड़ना आवेलू; उपस्थित (२) स्त्री० जुओ = खूब गुस्से थई वढवू 'गंगबरार; दियारा' (३) आमदानी बरसाइत स्त्री० वटसावित्री व्रत बरामदा मुं० [फा. वरंडो (२) छर्जु बरसात स्त्री० वरसादनी ऋतु बरामीटर पुं० बॅरोमीटर बरसाती वि० वरसादने लगतुं (२) पुं० बराय अ० [फा. वास्ते; माटे. नाम वरसादमां थतो एक जातनो फोल्लो __ = नामनु ; कहेवानु लोढानें कडं (३) छत पर करातो अमुक ओरडो बरायन पुं० विवाहमां वरने पहेरावातुं बरसी स्त्री० वरसी; वार्षिक मृतक्रिया बराव पुं० 'बराना-बचq ते; निवारण बर-हक वि० [फा.] हकनु (२) उचित बरास पुं० एक जात, कपूर (३) साचुं स्त्री०) बराह पुं० वराह (२) अ० [फा.] तरीके बरहना वि० [फा.] नागु (नाम, -नगी (३) द्वारा; मारफत बरहम वि० [फा. गुस्से थयेलु(२)चकित बरी स्त्री० वडी (२) वरपक्ष कन्याने बरहा पुं० पाणीनो ढाळिमो (२) वरत वस्त्र वगेरे (लग्नविधि बाद) आपे छे (कोसनी) ते (३) वि० (प.) बली; बळवान बरही पुं० मोर; बी (२) मरघो (३) बरी वि० [फा.] मुक्त; छूट स्त्री० जन्म पछी बारमा दिवसनी बरु अ० (प.) भले; ठीक [उपनयन अमुक क्रिया (४) भारो बांधवानुं बरुआ(-वा) पुं० बडवो; बटुक (२) दोरडु (५) लाकडांनो भारो बरु (-रौ)नी स्त्री० पापण के तेनो वाळ बरांडा पुं० वरंडो; 'बरामदा' बरेंडा पुं० छापरानो मोभारो। बरांडी स्त्री० ब्रान्डी दारू बरेखी,-च्छा,-षी स्त्री० सगाई; विवाहबरा पुं० खावानुं वर्ल्ड संबंध ठराववो ते बराक पुं० [सं. वराक युद्ध (२) वि० बरोक पुं० सगाई कर्यानो चांल्लो कंगाळ; गरीब; बापडं (३) नीच । बरोह स्त्री० वडवाई बरात स्त्री० जान. -ती पुं० जानयो बरौनी स्त्री० जुओ 'बरुनी' तेज बरानकोट पुं० [इं. ब्राउनकोट] बुरानकोट बर्क स्त्री० [अ] वीजळी (२) वि० चपळ; बराना अ०क्रि० बचवं; अलग रहे, बर्कत स्त्री० जुओ 'बरकत' । (२) सक्रि० वरवं; पसंद करवं; चूंट बर्खास्त वि० जुओ 'बरखास्त' For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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