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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २२ अपन. अनुसार अनुसार अ० [सं.] मुजब'; प्रमाणे अन्य पुरुष पुं० [सं.] श्रीजो पुरुष अनुसाल पुं० (प.) पीडा; दुःख (व्याकरणमां) [(३) जुलम अनुस्वार पुं० [सं.]स्वर पछी उच्चारमां अन्याय पुं० [सं.] गेरइनसाफ (२)अंधेर अवतो एक अनुनासिकं वर्ण के तेनुं अन्योन्य स० परस्पर; अन्योअन्य चिह्न- अनुस्वार अन्वय पुं० [सं.] संबंध; मेळ (२) अनूठा वि० [सं. अनुत्थ] (स्त्री०, -ठी) । कवितानो अन्वय (३) वंश; खानदान अनूठं; अद्भुत (२) अद्वितीय ; उत्तम अन्वाअ स्त्री० ब०व० [अ.] 'नौ'अनूढ़ा स्त्री० [सं.] अविवाहित स्त्री रीत, प्रकार-तुं ब० व० (पण प्रेम राखती) [करायेलं अन्वान पुं० जुओ 'उन्वान' अनूदित वि० [सं.] अनुवादित ; भाषांतर अन्वित वि० [सं.] युक्त; -वाळं अनूप वि० अनुपम अन्वीक्षण पुं०, अन्वीक्षा स्त्री० [सं.] अनृत पुं० [सं.] असत्य; जूठ ध्यानथी जोवू ते (२) खोज ; तपास अनेक वि० [सं.] घणुं (संख्यामां) अन्वेषण पुं० [सं.] खोज ; तपास; शोध अनेग वि० (प.) अनेक अन्सर पुं० [अ.] मूळ तत्त्व अनेरा वि० [सं. अतृल] (स्त्री०,-री) अपंग वि० अपंग; ललं (२) अशक्त नकामुं; निष्प्रयोजन; व्यर्थ अपकर्म पुं० [सं.] खराब काम अनैक्य पुं० [सं.] मतभेद; फूट अपकाजी वि० स्वार्थी; मतलबी अनैस, -सा वि० 'अनइस'; बूरुं अपकार पुं० [सं.] अनुपकार ; हानि(२) अनोखा वि० अनोखं; निराळं (२) __ अपमान; अनादर अपकारक, अपकारी वि०[सं.] अपकार - नवु (३) सुन्दर करनारु (२) विरोधी अन्दलीब स्त्री० [अ.] बुलबुल अपकीर्ति स्त्री० [सं.] बदनामी अन्न पुं० [सं.] अन्न; अनाज (२) अपक्व वि० [सं.] काचुं भात (३) (प.) वि० अन्य अपघात पुं० [सं.] आपघात (२) हत्या; अन्नकूट पुं० [सं.] अणकोट . हिंसा (३) विश्वासघात अन्नछेत्र पुं० अन्नक्षेत्र [आजीविका अपच पुं० अजीर्ण, अपचो अन्नजल पुं० [सं.] दाणोपाणी (२) अपछरा स्त्री० (प.) अप्सरा अन्नदाता पुं० [सं.]मालिक; स्वामी; शेठ अपजस पुं० अपयश; बेआबरू [मूर्ख अन्नसत्र पुं० [सं.] अन्नक्षेत्र अपठ, अपढ़ वि० 'अनपढ़'; अभण (२) अन्ना स्त्री० [तु.] माता (२) धाव अपत्य पुं० [सं.] संतान अन्य वि० [सं.] बीजुं (२) परायु अपथ पुं० [सं.] विकट के खराब मार्ग अन्यत्र अ० [सं.] बीजे ठेकाणे अपथ्य वि० (२)पुं० [सं.] पथ्य नहि अन्यथा वि० [सं.] विपरीत; ऊलटुं (२) एवो (आहार) असत्य (३.) अ० नहि तो; तो पछी अपन सर्व० (प.) आपणे For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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