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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org बड़ा. बड़ा पुं० वडुं (२) वि० वडुं; मोटं (उमर, कद, गुण इ० मां) बड़ाई स्त्री० वडाई; मोटाई; मान प्रतिष्ठा. - देना=आदर करवो. - मारना = शेखी बकवी बड़ा घर पुं० केदखानुं बड़ा दिन पुं० २५मी डिसेम्बर बड़ा बोल पुं० गर्वनो बोल (२) डिंग बड़ी स्त्री० वडी (२) वि० स्त्री० मोटी. - बड़ी बातें करना=डिंग मारवी बड़ी बात स्त्री० कठण के अघरं काम बड़ी माता स्त्री० शीतळा; बळिया बड़ेरा पुं०, री स्त्री० 'बँडेरी'; मोभ बढ़ई पुं० सुतार. ०गोरी स्त्री० सुतारी बढ़ती स्त्री० वृद्धि (२) चडती; उन्नति बढ़ना अ०क्रि० वधवुं (२) उन्नति थवी (३) दुकान इ० बंध थबुं के दीवो बुझावो. बढ़कर चलना = फुलावुं; घमंड करवो बढ़नी स्त्री० सावरणी; बुहारी बढ़ाव पुं० वृद्धि (२) उन्नति बढ़ावा पुं० उत्तेजन (२) उश्केरणी बढ़िया वि० उत्तम बढ़ोतरी स्त्री० उत्तरोत्तर चडती (२) वेतनमां क्रमिक वधारो बणिक, - , - ज पुं० वणिक; वाणियो; वेपारी बत [ अ ], ०क ( -ख) स्त्री० बतक बत - कहाव पुं०, बतकही स्त्री० वातचीत (२) वादविवाद बतचल वि० बकवाद करनाएं बतबढ़ाव पुं० वात वधवी ते; झघडो बतरस पुं० वातचीतनो रस बतलाना स०क्रि० ' बताना'; बतलाववुः देखाडवुं ३६१ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बद-ख्वाह बताऊँ पुं० वेंगण; वंताक बताना स० क्रि० बताववुं; जणाववुं; कहें [(३) परपोटो बताशा ( - सा) पुं० पतासुं (२) फूलकणी बतिया स्त्री० फळनो मरवो बतियाना अ०क्रि० वातचीत करवी बतियार स्त्री० बातचीत बतीसी स्त्री ० दांतनी बत्रीसी. - दिखाना = हसवु; दांत काढवा. - बजना = खूब टाढवावी [ रीत बतोला पुं० चालाकी के छेतरपिंडीनी बतौर अ० [अ] रीत प्रमाणे; ढंगथी बत्तक ( -ख) स्त्री० बतक; 'बतख' बत्ति (ती) स वि० बत्रीस; ३२ बत्ती स्त्री० वाट; दिवेट (२) दीवो (३) मीणबत्ती (४) पलीतो. - दिखाना = दीवो बताववो. - देना=पलीतो चांपवो. - लगाना = लगाडवुं बत्तीस वि० जुओ ' बत्तिस' -सी स्त्री० जुओ 'बतीसी' For Private and Personal Use Only बन पुं० [अ.] पेट (२) गर्भ बथुआ पुं० बथवो - एक भाजी बद स्त्री० बदलो; अवेज (२) बंद रोग (३) वि० [फा.] खराब बद-अमली स्त्री० अराजक; अव्यवस्था; अशांति [अव्यवस्था बद- इंतजामी स्त्री० खराब प्रबंध; बदकार वि० [फा.] खराब; कुकर्मी; व्यभिचारी. - री स्त्री० दुराचार; व्यभिचार [स्त्री०) बद-क़िस्मत वि० [फा.] अभागी. ( - ती बद-खू वि० खोटी खो - टेव वाळु बद-वाह वि० [फा.] अशुभ चाहनार; 'खैर-ख्वाह थी ऊलटुं
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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