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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org फ़सील o फ़सील वि० [ अ ] नगरनो कोट फ़सीह वि० [अ.] सुंदर वक्ता के वर्णनकार फ़यूँ पुं० [ अ ] जंतरमंतर; 'टोटका' फ़सुँगर पुं० [फा.] जादुगर ( २ ) जंतरमंतर करनार ; भूवो फ़स्ख पुं० [अ.] विचार बदलवो ते (२) तोडवुं के रद करवुं ते फ़स्द स्त्री० [अ०] फस - नाडी खोलाववी ते . - खोलना, - लेना-फस खोली लोही काढवु (२) गांडपणनी दवा करवी फ़स्ल स्त्री० [अ.] फसल ( ऋतु ) के खेतीनी ऊपज (२) ग्रंथनुं प्रकरण ( ३ ) फासलो (४) छळ; दगो फ़स्ली वि० [ अ ] फसली; मोसमनुं ( २ ) पुं० कॉलेरा. ० कौआ पुं० एक पहाडी कागडो (२) वि० मतलबी; गरजनुं सगं. ०बुखार पुं० मलेरिया. ०सन, ०साल पुं० अकबरे चलावेली एक सन फ़स्ले-गुल, फ़स्ले-बहार स्त्री० [फा.] वसंत ऋतु फ़स्साद पुं० [अ.] फस खोलनार - तेमांथी लोही काढवा नस्तर मूकनार फ़हम स्त्री० [ अ ] ज्ञान; समज; विवेक फ़हमाइश स्त्री० [फा.] समजण; बोध; चेतवणी (२) आज्ञा [(वि०, दा) फ़हमीद स्त्री० [फा.] समज; बुद्धि. फहरना अ०क्रि० फरकवुं; ऊडवुं फहरान स्त्री० फरकाववुं ते. - ना स०क्रि० फरकाववुं; उडाडवुं फ़हरिस्त स्त्री० जुओ 'फ़ेहरिस्त' फ़श वि० [अ. फ़हरा ] अश्लील (२) फूड फ़हीम वि० [ अ ] 'फ़हमीदा'; समजदार फाँक स्त्री० 'फंक' ; चीरी (२) ककडो फाँकना सक्रि० फाकवुं; फाको मारवो ३५० Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir फ़ाजिलबाक़ी फाँका पुं० फाको. - की स्त्री० फाकी फांट पुं० [सं.] काढो फाँट स्त्री० वहेंचणी. ०ना स०क्रि० हेंच (२) फांट के काढो बनाववो फाँड, -ड़ा पुं० कमरनी ओटी; 'फेंट'. - कसना, बाँधना= कमर कसवी; काम माटे तैयार थवु. - पकड़ना - बरोबर पकडवुं फाँद स्त्री० उछाळो (२) पुं०; स्त्री० फांदो; जाळ; पाश. - मारना=जाळ पाथरवी [कूदी ज; ओळंग फाँदना अ०क्रि० ऊछळवं (२) स०क्रि० फाँस स्त्री० फांस ( २ ) पास; जाळ; फांसो फाँसना सक्रि० फसाववुं फाँसी स्त्री० पाश; फांसो (२) फांसी. - पड़ना, - पाना= फांसीनी सजा थवी; फांसी मळवी फाइल स्त्री० [इं.] कागळो के सामयिकनी फाईल - एक साथ थयेलो संग्रह फ़ाक़ा पुं० [अ.] फाका; उपवास ( २ ) गरीबी फ़ाक़ा कश वि० [अ. +फा.] भूख्यं (२) निर्धन. (नाम, -शी स्त्री ० ) फाक़ा ( - ) मस्त वि० [ अ + फा.] भूखे मरतुं छतां बेपरवा फ़ाख़तई, फ़ारत स्त्री० होला जेवोआछो जांबुडियो रंग [होलो फ़ाखता, फ़ाख़्ता स्त्री० [अ.] एक पक्षी; फाग पुं० होळी के तेनुं गीत फागुन पुं० फागण मास. -नो वि० फागणनुं [-रा वि० स्त्री० फ़ाजिर वि० [अ.] व्यभिचारी; बदमाश. फ़ाज़िल वि० [अ.] वधारेपडतुं; फाजल (२) विद्वान. ० बाक़ी स्त्री० हिसाबे नीकळतुं लेणुं के देणुं For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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