SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 36
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनशन .२० अनीस अनशन पुं० [सं.] उपवास अनार्य पुं० [सं.] आर्य नहीं ते(२) अश्रेष्ठ अन-सखरी स्त्री० जुओ 'निखरी' अनावश्यक वि० [सं.] बिनजरूरी [सुकवणुं अनसुना वि० (स्त्री०,-नी) न सांभळेल. अनावृष्टि स्त्री० [सं.]वरसादनो अभाव; 'अनसुनी करना=पांभळयु ना सांभळयु अनाह पुं० [सं.] पेट चडवानो एक रोग करवू; ध्यान न देवु [नहीं ते अनिद(-2) वि.सं.] निर्दोष ; उत्तम अनसूया स्त्री० [सं.] असूया के ईर्षा अनिच्छा स्त्री० [सं.] इच्छा न होवी ते अनहोता वि० गरीब (२) असंभव (३) अनित्य वि० [सं.] नश्वर; अस्थायी (२) आश्चर्यजनक [असंभव-विलक्षण वात क्षणभंगुर (३) असत्य । अनहोनी वि० स्त्री० असंभव (२)स्त्री० अनिद्र वि० [सं.] ऊंघ जेने न आवे ते अनाकानी स्त्री०आंख आडा कान करवा - (२) पुं० तेनो रोग . ते (२) आनाकानी : अनिमि(-मे)ष अ० [सं.]एकीटसे;निरंतर अनागत वि० [सं.] नहि आवेलु; गैर. हाजर (२) अजाण्यं (३) अजन्मा; अनियमित वि० [सं.] नियमरहित; : अनादि (४) अ० (प.) अचानक अव्यवस्थित (२) अनियत अनाचार पुं० [सं.] दुराचार; कुरीति अनियारा वि०(प.)अणियाळं; अणीदार अनाज पुं० अन्न; धान्य . अनिर्वचनीय वि० [सं.] अवर्णनीय अनाड़ी वि०अनाडी; नादान'; अणसमजु . अनिल पुं० [सं.] पवन; वायु । अनात्म वि० [सं.] जड(२) पुं०आत्माथी अनिवार्य वि० [सं.] जरूरी (२) जरूर ऊलटो- जड पदार्थ थनाएं; टाळी न शकाय एवं अनाथ वि० [सं.] असहाय ; दीन ; दुःखी अनिष्ट वि० [सं.] न इच्छेलं (२) पुं० अनादर पुं० [सं.] अवज्ञा; अपमान अहित; बुराई अनादि वि० [सं.] आदिरहित ; अजन्मा. अनी स्त्री० [सं. अणिं] अणी (२) वस्तुनो अनाप-शनाप पुं० नकामो बकवाट आगळनो भाग(३)समूह; झुण्ड(४)सेना अनाम वि० [सं.]नाम विनानु(२)अप्रसिद्ध (५) [हिं. आन-मर्यादा] ग्लानि; खेद अनामय वि० [सं.] नीरोगी (२) निर्दोष । अनीक पुं० [सं.] युद्ध (२) सेना (३)वि० (३) पुं० तेंदुरस्ती [जुओ 'अनाम' [अ + हिं. नीक = अच्छं] बूरुं; खराब अनामा स्त्री०अनामिका (२)वि०स्त्री० अनायत स्त्री० [अ.] कृपा; महेरबानी अनीठ वि० [सं. अनिष्ट] (प.) अनिष्ट; अनायास अ० [सं.] विना. महेनते (२) अप्रिय (२) खराब अचानक [दारूखानानी कोठी अनीति स्त्री० [सं.] अन्याय (२) अंधेर अनार पुं० [फा.] दाडम (२)तेना घाटनी अनीश वि० [सं.] अनाथ (२) पुं० विष्णु अनारदाना पुं० [फा.] एक जातना खाटा (३) जीव के माया । अनारना सूकवेला दाणा अनीस पुं० [अ.] दोस्त (२) प्रेम के अनारी वि०जुओ 'अनाड़ो' (२) अनार- सहानुभूति राखनार (३) वि० (प.) दाडमना रंगर्नु; लाल जुओ ‘अनीश'. For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy