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पश्तो
पश्तो स्त्री० [फा.] पठाणोनी भाषा पश्म स्त्री० [फा.] जुओ 'पशम' पश्मीना पुं० [फा.] पशमीनो पवार (-ल) ना स०क्रि० ( प. ) पखाळवु धो [वि० जराक पसंग, गा, -घा पुं० 'पासंग ' ; धडो ( २ ) पसंद वि० [फा.] गमतुं ; अनुकूल (२) स्त्री० पसंदगी; रुचि. - दा पुं० मांसनी एक वानी -दीदा वि० सारं; गमतुं (२) पसंद करेलुं
पस अ० [फा.] पछी (२) अंते (३) तेथी पस अंदाज पुं० [फा.] संकट के घडपण माटेनो धनसंग्रह
पसखुरदा पुं० [फा.] एठवाड पस पा वि० [फा.] पार्छु हठनार. ०ई स्त्री० पीछेहठ; हार
पसर पुं० ढोरनुं पसर - राते चरे ते (२) अर्धी पोश - पसलो
पसरना अ०क्रि० प्रसरवु; फेलावुं पसरहट्टा पुं० हाट; बजार (गांधीओनुं) पसरू पुं० [फा.] नोकर; अनुचर पसली स्त्री० पांसळी. - फड़कना = मनमां जोश आव; उत्साह होवो पसाउ पुं० ( प. ) प्रसाद; कृपा पसाना स०क्रि० ओसाववुं [ फेलावो पसार (रा) पुं० प्रसरवुं ते; प्रसार; पसारना स०क्रि० प्रसारवु; फेलाववुं पसारा पुं० जुओ 'पसार' पसारी पुं० जुओ 'पंसारी' पसाव ( ०न) पुं० ओसामण पसिजर पुं० पेसेन्जर (उतारु के गाडी) पसीजना अ०क्रि० झरवुं (२) पीगळं पसीना पुं० पसीनो; परसेवो. पसीने पसीने होना = परसेवाथी रेबझेब थई जवं
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पहरावा
पसुरी, -ली स्त्री० पांसळी पसुजना स०क्रि० सीधा दोराथी सीवकुं पसेरी स्त्री० पांचशेरी
पसेउ, व पुं० पसीनो; परसेवो पसोपेश पुं० [फा. पस-व-पेश] आघापाछी; दुविधा; आनाकानी (२) लाभालाभ पस्त वि० [फा.] नीचुं; नीचाणवाळं (२) थाकेलुं (३) परास्त (४) नीच कोटिनुं पस्तक़द वि० [फा.] वामन; ठींगणुं पस्त - हिम्मत वि० [फा.] भीरु; डरपोक पस्ती स्त्री० [फा.] नीचाण (२) नीचता (३) भीरुता
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पहँ अ० ( प. ) पासे; नजीक पहँसुल स्त्री० दातरडा जेवी पाटिये जडेली शाक कापवानी बनावट पहचान स्त्री० पिछान; ओळख पहचानना स०क्रि० पिछानवु; ओळखवं पहन पुं० ( प. ) पहाणो; पथ्थर ( २ ) [फा.] पानो; प्रेमथी माने दूध छूटवं ते पह ( - हि) नना स०क्रि० पहेरवुं. ( पहनवाना, पहनाना स०क्रि० प्रेरक ) पह ( - हि) नाव ( - वा) पुं० पहेरवेश (२) पोशाकनी भेट; पहेरामणी पहपट पुं० निंदा; कूथली ( २ ) शोरबकोर (३) दगो; छळ (४) एक जातनुं स्त्रीगीत. बाज वि० 'पहपट' मां कुशळ पहर पुं० प्रहर; पहोर पहरना स०क्रि० पहेवुं पहरा पुं० पहेरी; चोकी. - देना = पहेरो भरवो; चोकी करवी. - पड़ना = पहेरो के चोकी होवी. — बैठना = पहेरो बेसवो के लागव पहराना स०क्रि० पहेराववुं वा पुं० जुओ 'पहनावा '