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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २६९ दुमाता दुलंचा बुमाता स्त्री० खराब के सावकी मा दुर्घटना स्त्री० [सं.] आफत; दुःखद दुमुंहा वि० बे मोवाळू (२) कपटी बनाव के अकस्मात दुरंत वि० [सं.] अपार (२) दुर्गम (३) दुर्जन पुं० [सं.] खराब-दुष्ट माणस बहु मोटुं; प्रचंड । दुर्दशा स्त्री० [सं.]खराब दशा;बूरी हालत दुरदुराना स०क्रि० दूर दूर करवू; अप- दुर्दैव पुं० [सं.] दुर्भाग्य; कमनसीब मानपूर्वक हठावq-हांकवु (कूतरां माटे) दुर्बल वि० [सं.] दूब ; कमजोर दुरमुस पुं० कूबा जेवू ठोकवानुं ओजार दुर्बोध वि० [सं.] समजवामां कठण दुराग्रह पुं० [सं.] खोटो आग्रह; हठ दुर्भाग्य पुं० [सं.] दुर्दैव; कमनसीब दुराचरण, दुराचार पुं० [सं.] खराब दुर्भिक्ष पुं० [सं.] दुकाळ आचार-चालचलगत दुर्मति स्त्री० [सं.] कुमति; दुर्बुद्धि (२) दुरात्मा पुं० [सं.] दुर्जन वि० कुमतिवाळू दुरादुरी स्त्री० छुपाव, ते दुर्रा पुं० [फा. कोयडो; चाबुक दुराना अ० कि० दूर थर्बु (२) छुपावू दुर्लक्ष्य पुं० [सं.] खोटो बूरो उद्देश (२) (३) सक्रि० दूर कर, (४) छोडवू वि० न जोई शकाय एवं; जोवू मुश्केल (५) छुपावq दुर्लभ वि० [सं.] मळवू मुश्केल (२) दुराव पुं० दूरतानो भाव (२) कपट अनोखू; विरल दुराशय पुं० [सं.] दुष्ट - खोटो आशय दुर्वचन पुं० [सं.] गाळ [कठण के इरादो दुर्वह वि० [सं.] असह्य; वहन करवामां दुराशा स्त्री० [सं.] खोटी के व्यर्थ आशा दुर्व्यवस्था स्त्री० [सं.] गेरव्यवस्था दुरित पुं० [सं.] पाप (२) वि० पापी । दुर्व्यवहार पुं० [सं.] गेरवर्तणूक दुरपयोग पुं० [सं.] खोटो, अयोग्य उपयोग दुलकी स्त्री० घोडानी रवाल दुरुस्त वि० [फा.] दुरस्त (२) योग्य; । दुलत्ती स्त्री० चोपगानी पाछला बे उचित पगनी लात [एक खच्चर दुरुस्ती स्त्री॰ [फा.] दुरस्ती; सुधारो दुलदुल पुं० [अ.] पेगंबरने भेट मळेलं दुरूद स्त्री० [फा.] दुआ; आशीर्वाद । दुलराना सक्रि० बाळकने लाड करवू दुरूह वि० [सं.] कठण; दुर्गम (२) अ०कि० बाळकनी जेम प्रेममा दुगंध स्त्री० [सं.] खराब वास (२) खेल करवा पुं० संचळ (३) डुंगळी दुलह,-हिन स्त्री० नववधू; नवी वहु दुर्ग पुं० [सं.] किल्लो दुलहा पुं० वर; 'दूल्हा'. -हिन स्त्री० दुर्गति स्त्री० [सं.] नठारी गति; दुर्दशा दुलाई स्त्रो० थोडा रूवाळी रजाई दुर्गम वि० [सं.] जवामां के समजवामां दुलार पुं० लाड; प्रेम [गेल करवं कठण के मुश्केलीवाळू दुलारना स०क्रि० लाड करवू; प्रेमथी दुर्गुण पुं० [सं.] खराब गुण; एब दुलारा वि० (स्त्री०,-री) लाडकुं दुर्घट वि० दुःसाध्य; बनवू कठण दुली (-ल)चा पुं० (प.) गलीचो For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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