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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दीवार २६७ दुकाल दीवार पुं० [फा.] देदार; दर्शन; देखाव दीवान-खास पुं० [अ.] दीवानेखास; दीदा-रेजी स्त्री० [फा.] (झीणा काममां) खास राजदरबार [स्त्री० गांडपण आंखो ताणवी के फोडवी ते दीवाना वि०[अ.] दीवान; गांडु.-नगी दीदी स्त्री० मोटी बहेन दीवानी स्त्री० दीवानी कचेरी (२) दीन वि० [सं.] गरीब; नरम दीवानगीरी (३) वि० स्त्री० गांडी दीन पुं० [अ.] धर्म; मजहब. ०दार वि० दीवार (-ल) स्त्री० [फा.] दीवाल धर्म पर आस्थावाळू; धार्मिक दीवार-गीर पुं० [फा.] दीवालनी अंदरनी दीन-दुनिया स्त्री० आलोक ने परलोक चाडा जेवी बनावट दीनानाथ पुं० गरीबनो बेली; ईश्वर दीवाली स्त्री० 'दिवाली'; दिवाळी दोनार पुं० [सं.] एक प्राचीन सोनयो- दोसना अ०क्रि० (प.) दीसवें; देखाएँ सिक्को (२) एक घरेणुं दुंद पुं० (प.) द्वंद्वयुद्ध (२) उधमात; वीप पुं० [सं.] दीवो धमाल (३) बेनुं द्वंद्व-जोडी (४) नगारु दीपक पुं०[सं.] दीवो (२) वि० उत्तेजक दुंदुभि, भी स्त्री० [सं.] नगाएं; डंको (३)प्रकाश करे एवं (४)भूख उघाडे एवं दुंबा पुं० [फा.] घेटो दीप्त वि० [सं.] प्रकाशित; प्रज्वलित; दुःख पुं० [सं.] क्लेश; कष्ट; पीडा. ०द, तेजस्वी. -प्ति स्त्री० प्रकाश; तेज ०दायी, प्रद वि० दुख दे एवं.-खित, दीबाचा पुं० [फा.] दीबाचो; प्रस्तावना -खी वि० दुःखी; दुखमां पडेलु दीमक स्त्री० [फा.] ऊघई दुःसह वि० [सं.] कठण; सहे, मुश्केल दीयट पुं० जुओ 'दीवट' [राणो करवो दुःसाध्य वि० [सं.] करQ के मटवू मुश्केल दीया पुं० दीवो. -ठंडा करना=दीवो दु वि० 'दो' - समासमां आवतुं रूप. दीयासलाई स्त्री० दीवासळी उदा० 'दुविधा', 'दुअन्नी' दीर्घ वि०[सं.] लांबु (२) मोटुं. ०दर्शी। दुआ स्त्री० [अ.] दुवा; आशिष (२) वि० दीर्घ दृष्टिवाळू. ०दृष्टि स्त्री० विनंती. -करना विनंती करवी. लांबी नजर. सूत्र (-त्री) वि० कोई -कहना=आशिष आपवी. -लगना काममां बहु झीणुं कांतनार । = आशिष फळवी दीर्घायु वि० [सं.] दीर्घ आयुषवाळू दुआबा पुं० [फा. दोआबः] दोआब दीधिका स्त्री० [सं.] नानुं जळाशय-तळाव दुई स्त्री० द्वैतभाव. -का परवा अज्ञान दीवट स्त्री० दीवी के मायानो पडदो दीवा पुं० दीवो दुकड़ा पुं० जोटो (२) दोकडो दीवान पुं० [अ.] दीवान (२) काव्य- दुकान स्त्री० [फा.] दुकान. -बढ़ाना= संग्रह (३) राजसभा; मोटो ओरडो दुकान वधाववी, बंध करवी.-लगाना दीवान-आम पुं० [अ.] दीवानेआम; =दुकान मांडवी [-री स्त्री० वेपार राजदरबार [बेठक दुकानदार पुं० [फा.] दुकानवाळो;वेपारी. दीवानखाना पुं० [फा.] दीवानखानु; दुकाल पुं० दुकाळ For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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