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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org जीग्रा जागा पुं० [फा.] कलगी; तो रो; शिरपेच जीजा पुं० मोटी बहेननो वर जीजी स्त्री० मोटी बहेन जीत स्त्री० जीत; फतेह ( २ ) लाभ; ७ २०६ सफळता जीतना स०क्रि० जीतवु; फतेह पामवु जीता वि० जीवतुं जीती मक्खी निगरना = जाणीबूजीने अयोग्य के अन्य काम कर. जीते जी = जीवतां; हयातीमां. जीते मरते = कोई रीते; खूब मुश्केलीथी जीता-जागता वि० जीवतुं जागतं ; सतेज जीता लोहा पुं० लोहचुंबक जीन पुं० [फा.] घोडानुं जीन ( २ ) एक जाडुं जीननुं कपड़े जीनत स्त्री० [फा.] शोभा; शणगार जीनपोश पुं० [फा.] जीन परतुं कपडुं जोहार अ० [फा.] 'हरगिज़'; कदापि जीना अ०क्रि० जोववुः जीवतुं रहेवुं; जीवन गाळबुं जीना पुं० [फा.] जीनो; सीडी जीभ स्त्री० जीभ (२) कलमनुं अणियुं. - भी स्त्री० ऊलिपुं (२) अणियुं जीभा, जीभीचाभा पुं० ढोरनो एक रोग जीमना स०क्रि० [सं. जिम्] जमवुं जीमूत पुं० [सं.] वादळ; मेघ (२) पहाड जीय पुं० जीव; 'जी' जीर [सं.] - रा [फा.] पुं० जीरुं जीर्ण वि० [ सं . ] जूनुं; जरजरी गयेलुं जीर्णोद्वार [सं.] जूना पुराणानुं [बायुं जील स्त्री० धीमो अवाज (२) तबलानुं जीवंत वि० [सं.] 'जीता'; जीवतुं जागतुं जीव पुं० [सं.] जीव; प्राण (२) प्राणी समारकाम Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जुकाम जीवजतु पुं० [सं.] जावडां; जिवात; aastiकोडी इ० जीवट पुं० हिंमत; बहादुरी; छाती जीवन पुं० [सं.] जीवन; जिंदगी. - भरना - जीवन गुजार जीवनमूरि स्त्री० जीवनमुळी जीवनी स्त्री० जीवनचरित जीवरा पुं० ( प. ) जीवडो; जीव जीवसू स्त्री० [सं.] जेनी संतति जीवती होय एवी स्त्री जीवाजून पुं० जीवजंतु; प्राणीमात्र जीवाणु पुं० [ सं . ] सूक्ष्म जीवजंतु जीवात्मा पुं० [सं.] जीव; देही जीविका स्त्री० [ सं . ] आजीविका; रोजी जीवित वि० [ सं . ] जीव ( २ ) पुं० जीवन जीवन्मुक्त वि० [सं.] जीवतो छतां मुक्त; ज्ञानी जीस्त स्त्री० [फा.] जिंदगी; जीवन जीह ( - हा - ही) स्त्री० ( प. ) जीभ जुंबिश स्त्री० [फा.] चाल; गति ( २ ) झुंबेश; हिलचाल जुआँ स्त्री० 'जूं'; जू जुआ पुं० झुंसरी (२) घंटीनो हाथो (३) जुवा; जूगटुं. ०खाना, ०घर जुगारनो अड्डो जुआचोर पुं० ठग; धुतारो जुआड़ी ( - री) पुं० जुओ 'जुआरी' जुआर स्त्री० जुओ 'ज्वार' (२) पुं० 'आ जुआर भाटा पुं० जुओ 'ज्वार भाटा' जुआरी. पुं० जुगारी जुई स्त्री० नाती जू (२) एक कीडो जुकाम पुं० [अ.] सळेखमः शरदी. मेंढकीको जुकाम होना = न थई शके एवं भवु For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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