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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir छिनार १९१ छुटपुटा छिनार,-ल स्त्री० छिनाळ. -ला पुं० छीका पुं० [सं. शिक्य] शीकुं; 'सीका' छिनाळं; व्यभिचार छीछड़ा पुं० मांसनो रद्दी टुकडो छिन्न वि० [सं.] छेदायेलं; भांगेलं छीछा-लेदर स्त्री० दुर्दशा; बेहाल छिन्नभिन्न वि० [सं.] नष्टभ्रष्ट;अस्तव्यस्त छीजना अ०क्रि० क्षीण थव; घटवू छिपकली स्त्री० घरोळी होवू छोटा पुं० वांसनो टोपलो- छाबडु छिपना अ०क्रि० छीपq; छुपावू; ढंकायेलं छीतना सक्रि० डंखवू (२) मारवं छिपा-छिपी अ० छूपी रीते; चूपकीथी; छीदा वि० 'छिदरा'; छिद्राळु (२) आर्छ; चूपचूप छूटुं छूटुं; पांखें छिपाना सक्रि० छुपावq (२) ढांक। छीन वि० (प.) क्षीण छिपा रुस्तम वि०० असाधारण शक्ति- छीन-झपट स्त्री० जुओ 'छीनाझपटी' वाळू पण अजाण्युं के छू माणस (२) छीनना सक्रि० छीन; झूटवं (२) छुटुं उपरथी सारं पण अंदरथो खराब __ करवू (३) (घंटी) टांकवी (माणस) छीना-खसोटी, छोनाछीनी, छीनाझपटी छिपाव पुं० छुाव ते स्त्री० (जोर झपटथी) छीनवी लेवं ते छिपे छिपे अ० छुपुं छूपं छोप स्त्री० छीप; सीप (२) छाप; छिबड़ा पुं० छाबडं.-डी स्त्री० छाबडी डाघ; चिह्न (३) डाघ पडी जाय छिमा स्त्री० (प.) क्षमा एवो एक त्वचारोग (४) माछली छिया स्त्री०छी;मळ(२)वृणित चीज(३) पकडवानी लाकडी वि० गंदं.-छरद करना= छो छी करवू छोपी पुं० ीपो छिलका पुं० फळनुं छोडु-छाल; छीलटुं छीमी स्त्री० फळी; सींग [(प.) क्षीर छिलना अ०क्रि० छिलावं; छोडु कढावू छोर स्त्री० कोर; किनार; 'छोर' (२)पुं० (२) छोलावू; उझरडो भरावो छीलना सक्रि० छीलवू; छोलवू छोक स्त्री० छींक ते के छींक.-आना, छोलर पुं० (पाणीनो) छछरो खाडो मारना, लेना छींक खावी. -होना छुआछूत स्त्री० स्पर्शास्पर्शनो ख्याल (२) अपशुकन थवा अछूतने अडवू ते छोकना अ०क्रि० छींक. डाँकते या छुआना सक्रि० छूना'नुं प्रेरक; छुलाना' छोकने पर नाक कटना-नाना गुनामाटे छुईमुई स्त्री० लजामणीनो लोड । भारे सजा थवी; कीडी पर कटक थर्बु छुच्छा वि० जुओ 'छूछा' [परेणु छीट स्त्री० छांट; सीकर(२)छींट कपडु छच्छी स्त्री० नानी नळी (२)नकन एक छौटना सक्रि० जुओ 'छितराना' । छुट वि० 'छोटा'- समासमां आवतुं रूप छोटा पुं० छांटो (२) छांटा-थोडो (२) अ० (प.) सिवाय; विना; छोडीने वरसाद (३) माक्षेप टोणो. - छोड़ना, छुटकारा पुं० छुटकारो; मुक्ति देना=टोणो मारवो [(बाळ भाषा) छुटपन पुं० नानपण; बाल्यावस्था छी अ० जुओ 'छि' (२) स्त्री० छी; मळ छुटपुटा पुं० समीसांज; संध्या For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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