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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir "हिन्दी और उर्दूको मैंने एकसाथ जाना है। हिन्दुस्तानी शब्दका इस्तेमाल भी खुलकर किया है । सन् १९१८ में इन्दौरके हिन्दी साहित्य सम्मेलनमें मैंने जो कुछ कहा* था, वही आज भी कह रहा हूँ। हिन्दुस्तानीका मतलब उर्दू नहीं, बल्कि हिन्दी और उर्दूकी वह खूबसूरत मिलावट है, जिसे उत्तरी हिन्दुस्तानके लोग समझ सकें, और जो नागरी या उर्दू लिपिमें लिखी जाती हो। यह पूरी राष्ट्रभाषा है, बाक़ी अधूरी।" महाबलेश्वर, १-५-'४५ मोहनदास करमचंद गांधी * " हिन्दी भाषा वह भाषा है, जिसको उत्तरमें हिन्दू व मुसलमान बोलते हैं, और जो नागरी अथवा फारसी लिपिम लिखी जाती है। यह हिन्दी एकदम संस्कृतमयी नहीं है, न वह एकदम फारसी शब्दोंसे लदी हुई है . . .।" [ भारतके संविधानसे ] यूनियनकी दफ़तरी भाषा देवनागरी लिखावटमें हिन्दी होगी। युनियनके दफ़तरी मतलबोंके लिए हिन्दसोंका जो रूप काममें लाया जायगा वह हिन्दुस्तानी हिन्दसोंका अन्तर-कौमी रूप होगा। [३४३- (१)] यूनियनका फरज़ होगा कि, हिन्दी भाषाके फैलावको बढ़ाए, और इसका इस तरह विकास करे कि वह भारतकी मिलीजुली कल्चरके सब अंगोंको ज़ाहिर करनेका साधन बन सके, और उसकी आत्माको छेड़े बिना, जो जो रूप, जो शैली और मुहावरे हिन्दुस्तानी में और आठवीं पट्टीमें दर्ज भारतकी दूसरी भाषाओंमें* काम आते हैं उनको उसमें रचा पचाकर, और, जहाँ कहीं ज़रूरी या चाहनी हो, उसकी शब्दावलीके लिए पहले संस्कृतसे और फिर दूसरी भाषाओंसे शब्द लेकर, उसे मालामाल करे। [३५१] * दर्ज की गई भारतकी दूसरी भाषाएँ ये चौदह है : १. आसामी २. बंगला, ३. गुजराती, ४. हिंदी, ५. कन्नद, ६. कश्मीरी, ७. मलयालम् , ८. मराठी, ९. उड़िया, १०. पंजाबी, ११. संस्कृत, १२. तामिल, १३. तेलुगु, १४. उर्दू । For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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