SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 18
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अंगड़ाई अंगुली अंगड़ाई स्त्री० शरीर फाटq ते (जेम' अंगा पुं० अंगरखं के ताव आवतां पहेलां) (२) अंगाकड़ी स्त्री० अंगार उपर शेकीने आळसथी के शरीर जकडाईने अक्कड करेली रोटी; बाटी. थ\ होय. तेथी शरीरनां अंगो ताणतां अंगार पुं० (सं.) अंगारो. - उगलना फेलाववां ते. -तोड़ना = आळसु = अंगारा जेवा बोल काढवा; आग बेठा रहेवू; काम न कर, वर्षाववी. -पर पैर रखना = जाणी अंगड़ाना अ०क्रि० शरीर फाटq (२) जोईने नुकसान के मुश्केलीमा आळस काढवा के अंगो अकडावाथी ऊतरवू. लाल अंगारा = वि० लालशरीर ताणवू-खंचवू चोळ ; खूब गुस्से थयेलु अंगण पुं० आंगणुं [बखतर; कवच अंगारक पुं० (सं.) अंगारो (२) अंगत्राण पुं० (सं.) अंगरखं (२) मंगळ ग्रह [झाड अंगदान पुं० (सं.) पीठ देखाडवी; अंगारपुष्प पुं० (सं.) इंगोरी; इंगुदीनुं युद्धमां पार्छ पडवू ते भंगारमणि पुं० (सं.) माणेक [वेल अंगना पुं० (प.) आंगणुं अंगारवल्ली स्त्री० (सं.) चणोठीनी अंगना स्त्री० (सं.) सुन्दर स्त्री अंगारा पुं० अंगारो अंगभंग पुं० (सं.) अंगनी खोड; । अंगारिणी स्त्री० (सं.) सगडी (२) अपंगता (२) वि० खोडीखें सूर्यास्तनी दिशा-पश्चिम अंगभंगी स्त्री० (सं.) भंगी; नखरां; अंगारी स्त्री० नानो अंगारो; तणखी शरीरना कामुक चाळा (२) चिनगारी (३) सगडी 'अंगभाव पुं० (सं.) अंगनी चेष्टाथी अंगारी स्त्री० शेरडीना सांठा परनां बतावातो मनोभाव पान (२) गंडेरी; शेरडीना बडवा अंगभूत पुं० (सं.) जुओ ‘अंगज'; अंगिया स्त्री० (सं. अंगिका, प्रा० पुत्र (२) वि० अंतर्गत; अंगनुं अंगिया) चोळी; स्त्रीनुं कापडं अंगमर्द पुं० (सं.) अंग फाटवु के कळवू . अंगी पं० (सं.) देहधारी ते (२) अंग दाबनार - चंपी करनार अंगीकार पुं० (सं.) स्वीकार अंगरखा पुं० अंगरखं; 'अंगा' . अंगीकृत वि० (सं.) स्वीकृत; मंजूर अंगरा पुं० अंगारो अपनावेलं अॅगराना अ० क्रि० जुओ 'अँगड़ाना' अँगीठा पुं० (सं. अग्नि + स्था) मोटी अगरेज पं० अंग्रेज सगडी. अंगीठी स्त्री० सगडी अंगरेजी स्त्री० अंग्रेजी भाषा अंगुर पुं० अंगुल; आंगळ अंगलेट पुं० ; स्त्री०शरीरनु काटु-बांधो अंगुरी स्त्री० अंगुली; आंगळी अँगवना स० क्रि० (प.) सहवू; अंगुल पुं० (सं.) आंगळ खम; वेठQ [कामदेव अंगली स्त्री० (सं.) आंगळी (२) ,अंगहीन वि० - (सं.) अपंग (२) पुं० हाथीनी सूंढनं टेरवू For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy