SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 211
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १९४ हरीतक्यादिनिघंटे देहस्य नाशं विदधाति नूनं कष्टांश्च रोगाअनयेन्नराणाम् ९७ टीका-जो रोग असाध्य होजाताहै और जिसकी दवा नहीं है उसरोगकों और मनुष्य घोडा हाथी इनके रोगोंकों पारा हरताहै ॥ ९२ ॥ मल विष वन्हि गुरुख चपलता ये पारेमें नैसर्गिक दोष कहेहैं दो उपाधि सीसा और रांगा इनके योगसे उत्पन्नहुवे दोष पारेमें मुनीश्वरोंने कहाहै ॥ ९३ ॥ मलसें मूर्छा विषसें मरण अग्निसे शरीरमें अत्यन्त कठिन दाह गिरिसें देहमें सदा जडता होतीहै और चंचलतासें मनुष्योंके वीर्यकों हरताहै ॥ ९४ ॥ रांगेसें कोड सीसेसें नपुंसकता होती है इसवास्ते यह पारा शोधनेयोग्य है पारेमें तीन दोष मुख्य हैं वन्हि विष और मल ॥ ९५ ॥ यह दोष मनुष्योंकों क्रमसे सन्ताप मृत्यु मूर्छा करतेहैं यदि औरभी दोष वैद्योंने पारेमें कहे हैं ॥ ९६ ॥ तथापि यह तीन दोष विशेषकरके दूरकरने चाहिये संस्कारहीन पारेकों जो सेवन करताहै उस्कों वाधा करताहै और मनुष्योंके देहकों हरताहै तथा अत्यन्त कष्टसाध्य रोगोंकोंभी करताहै ॥९७॥ अथोपरसानां लक्षणम्. गन्धो हिङ्गुलमभ्रतालकशिलाः स्रोतोञ्जनं टङ्कणं राजावर्तकचुम्बकः स्फटिकया शङ्ख खटी गैरिकम् । कासीसं रसके कपर्दसिकता बोलाश्च कष्टकं सौराष्ट्री च मता अमी उपरसाः सूतस्य किञ्चिद्गुणैः ९८ टीका-गन्धक सिंगरफ अभ्रक हरताल मनसिल सुरमा सुहागा लोहचुम्बक पत्थर विल्लौर शंख खडिया माटी गेरू हिराकसीस रसकपूर कौडी रेत बोल इसकों फूलसखभी कहतेहैं पहाडीमट्टी सौरठीमाटी यह उपरस कहेगयेहैं पारेका कुछ एकगुण इनमें होताहै ॥ ९८॥ हिडलस्य नामानि लक्षणं गुणाश्च. हिङ्गुलं दरदं ल्मेच्छमिङ्गुलं पूर्णपारदम् । दरदस्त्रिविधः प्रोक्तश्चारः शुकतुण्डकः ॥ ९९ ॥ हंसपादस्तृतीयः स्याद्गुणवानुत्तरोत्तरम् । चारः शुक्लवर्णः स्यात्सपीतः शुकतुण्डकः ॥१०॥ जवाकुसुमसङ्काशो हंसपादो महोत्तमः । For Private and Personal Use Only
SR No.020370
Book TitleHarit Kyadi Nighant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRangilal Pandit, Jagannath Shastri
PublisherHariprasad Bhagirath Gaudvanshiya
Publication Year1892
Total Pages370
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy