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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पृष्ट. विषय. विषय. श्वेतदूर्वादि १०४ चूर्णहारका नामगुण गांडरदूर्वा ,, कवैयाका नामआदि विदारीकंदसंबंधी कौआढोढीगुण .... मुसलीकंद १०५ काकजंघा (मसी) शतावरी महाशतावरी नागपुष्पीगुण .... असगंध .... १०६ मेढाशिंगी पाठाका नामगुण .... ___, हंसपादीका गुण .... श्वेतनिसोत १०७ सोमवल्ली आकाशगंगा श्यामनिसोत __, पातालगरुडी (वंदा) लघुदंतीगुण १०८ वटपत्रीका गुण .... .... बृहदंतीका गुण .... __, वंशपत्री मत्स्याक्षी लघुदंतीफल .... .... .... , सरहटी गंडिनी .... .... बडी इंद्रकला .... .... .... १०९ शंखपुष्पीका गुण.... .... नीलिका नामगुण.... अर्कपुष्पी, तक्ष, लज्जालु .... शरफोक नामगुण अलंबुषा, दूधी .... .... दुरालभा (जवासा) .... भुइआंवरी (वरंभी) मुंडीका नामगुण .... द्रोणपुष्पी ( गूमा) अपामार्ग (चिरचिरा) १११ हुरहुर दूसरा हुरहुर .... लाल चिरचिरा .... .... .... , वंध्या (वांजखकसा) .... तालमखाना .... देवदाली (सोनैया ) .... हडसंघारी .... जलपिप्पली (पनिसगा).... कुमारी (घीकुवार) ११३ गोजिव्हा (गोभी) श्वेतपुनर्नवा .... नागदमनीका गुण .... रक्तपुष्पका पुनर्नवा ११४ वीरतरु ( वरवेल) .... गंधप्रसारणी .... .... .... , छिक्कनी कुकुंदर .... .... .... करिआवांस .... सुदर्शन तथा आखुपर्णी .... .... गौरी (आसाऊं).... .... .... ११५ मयूरशिखा .... .... .... १२८ भुंगराजका गुण .... शणपुष्पी (हुली) पुष्पादिवर्ग त्रायमाण , गुडूचीकी उत्पत्ति नामगुण .... १२९ For Private and Personal Use Only
SR No.020370
Book TitleHarit Kyadi Nighant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRangilal Pandit, Jagannath Shastri
PublisherHariprasad Bhagirath Gaudvanshiya
Publication Year1892
Total Pages370
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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